बिजनेस
एनडीबी दे सकता है अवसंरचना परियोजनाओं को ऋण : कामत
मुंबई | नवीन विकास बैंक (एनडीबी) के अध्यक्ष के.वी. कामत ने गुरुवार को कहा कि अगले वर्ष अप्रैल में बैंक की औपचारिक शुरुआत होने के बाद वह देश की कुछ अवसंरचना परियोजनाओं को ऋण देने पर विचार कर सकता है। कामत ने कहा, “मैं अगले कुछ महीने ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) तथा अन्य सदस्य देशों से मिलने और अप्रैल 2016 तक बैंक के लिए भावी परियोजनाओं की एक सूची तैयार करने की उम्मीद करता हूं।”
कामत ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कहा, “मैं सरकार के साथ मिलकर यह सुनिश्चित कर रहा हूं कि देश में अवसंरचना क्षेत्र में कुछ परियोजनाएं हों, जिस पर बैंक विचार कर सके।” कामत के इस साल जुलाई में शंघाई चले जाने की उम्मीद है। वह वहां बैंक के लिए टीम निर्माण करेंगे। उन्होंने कहा कि बैंक के नाम में ब्रिक्स शब्द इसलिए नहीं रखा गया, क्योंकि भविष्य में ब्रिक्स गुट में और भी विकासशील देश शामिल हो सकते हैं। इस बैंक को पहले ब्रिक्स बैंक के नाम से जाना जाता था।
कामत ने बताया कि बैंक में तीन अन्य देशों से उपाध्यक्ष होंगे। इसका संविधान कमोबेश विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक जैसा ही होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि एनडीबी की एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं होगी, वरन उसके साथ यह मिलकर काम करेगा। एआईआईबी की स्थापना चीन के नेतृत्व में हो रहा है।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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