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बिजनेस

एयर इंडिया की ‘घर वापसी’ की तैयारी, स्वागत को तैयार टाटा

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नई दिल्ली। टाटा ग्रुप सिंगापुर एयरलाइंस के साथ पार्टनरशिप में देश की सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया को खरीदने की संभावनाएं तलाश रहा है। अगर यह डील फाइनल होती है कि तो यह एयर इंडिया के लिए ‘घर वापसी’ होगी क्योंकि वर्ष 1953 से पहले एयर इंडिया का ओनर टाटा ग्रुप ही था। बता दें कि 1953 में एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया था।

खबरों के मुताबिकटाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने सरकार के साथ अनौपचारिक बातचीत की, जिसमें उन्होंने 51 प्रतिशत इक्विटी के साथ एयर इंडिया पर टाटा समूह के नियंत्रण की इच्छा जताई है। सरकार एक दशक से घाटे में चल रही विमान कंपनी एयर इंडिया के निजीकरण के बारे में विचार कर रही है।

बता दें कि कुछ दिन पहले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि सरकार सालों से घाटे में चल रही एयर इंडिया को बेचने का मन बना रही है। उन्होंने कहा कि यदि निजी कंपनियां 86 प्रतिशत विमान यात्रियोंं की ढुलाई कर सकती है तो वे ऐसा शत-प्रतिशत भी कर सकती हैं।

साल 2013 में टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा था कि जब भी एयर इंडिया का प्राइवेटाइजेशन होगा तो इस पर विचार करने में (टाटा) ग्रुप को खुशी होगी। टाटा ग्रुप पहले से देश में एविएशन सेक्टर में मौजूद है।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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