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बिजनेस

ऐक्सिस बैंक अपने ग्राहकों को देगा इलेक्ट्रानिक सिग्नेचर की सुविधा

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ऐक्सिस बैंक, ग्राहकों को देगा इलेक्ट्रानिक सिग्नेचर की सुविधा, डिजिटल इंडिया विजन, डिजिटल बैंकिंग, आनलाइन इलेक्ट्रानिक सिग्नेचर सर्विस

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मुंबई। ‘डिजिटल इंडिया‘ विजन के हिस्से के रूप में केन्द्र सरकार ने इस वर्ष की शुरूआत में देश में ‘ईसाइन‘ सेवा को शुरू किया। ऐक्सिस बैंक, ने अपनी डिजिटल बैंकिंग पहलों को एक कदम आगे ले जाते हुये, ‘ईसाइन‘ की पेशकश करने के लिए एक अग्रणी डिजिटल सिक्युरिटी कंपनी ई-मुधरा लिमिटेड के साथ साझेदारी की है। ईसाइन एक आनलाइन इलेक्ट्रानिक सिग्नेचर सर्विस है, जोकि आधारधारक को कुछ सेकंड में ही डाक्यूमेंट पर डिजिटली साइन करने की अनुमति प्रदान करती है। ऐक्सिस बैंक देश में पहला संगठन है, जिसने इस सेवा के लिए साइन अप किया है। ‘ईसाइन‘ एक एकीकृत सेवा होगी, जोकि बैंक के ग्राहकों को डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट प्राप्त करने में मदद करेगी; इस डिजिटल सिग्नेचर से ग्राहक डाॅक्यूमेंट, ऐप्लीकेशन फाॅर्म पर हस्ताक्षर कर सकेंगे और इन डिजिटल हस्ताक्षित डाॅक्यूमेंट्स को महज एक बटन के क्लिक से सुरक्षित आॅनलाइन तरीके से बैंक में जमा किया जायेगा। ‘ईसाइन‘ द्वारा रफ्तार, सुरक्षा और सहूलियत की पेशकश की जाती है, क्योंकि इससे ग्राहकों को इन सेवाओं के लिए बैंक की शाखा जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और वे घर बैठकर ही कागजी कार्रवाई के बिना यह काम कर सकते हैं। यह सेवा आधार आथिंटिकेशन पर आधारित है और अपने आप ही डिजिटल सिग्नेचर जनरेट करती है। जनरेटेड सिग्नेचर कानून वैध और सुरक्षित है।

राजीव आनंद, ग्रुप एक्जीक्यूटिव और हेड रीटेल बैंकिंग, ऐक्सिस बैंक ने कहा, ‘‘हमें इस सेवा हेतु साइन अप करने के लिए देश में पहला संगठन बनकर गर्व हो रहा है। ईसाइन को बैंक के कुछ उत्पादों के साथ एकीकृत किया जायेगा और यह ग्राहक के आग्रह की तेज, अधिक दक्ष और सुरक्षित प्रोसेसिंग में मदद करेगी। ईसाइन की पेशकश आधुनिक तकनीक समाधानों को लाकर ग्राहक अनुभव को सुधारने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को बढ़ावा देती है जोकि सुरक्षा और सहूलियत दोनों प्रदान करते हैं।‘‘

बीजू वर्घीज, हेड- एंटरप्राइज सिक्युरिटीज साल्युशंस (ई-मुधरा) ने कहा, ‘‘ई-मुधरा में हम हमेशा डिजिटल सुरक्षा के सर्वोच्च मानदंडों को उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत रहते हैं और साथ ही ग्राहकों की सहूलियत एवं इस्तेमाल में आसानी को भी बरकरार रखते हैं। अब ईसाइन सेवा के साथ, हम आनलाइन सुरक्षा को अगले स्तर पर ले जा रहे हैं। ईसाइन यह सुनिश्चित करने का सबसे सुविधाजनक तरीका है कि ट्रांजैक्शंस सुरक्षित ढंग से किये जा रहे हैं।‘‘ ईसाइन फैसिलिटी ग्राहकों के लिए उपलब्ध होगी और यह उनके मौजूदा संबंधों की नियमित सर्विसिंग के साथ ही नये संबंधों का निर्माण करेगी।

ऐक्सिस बैंक के विषय में:

ऐक्सिस बैंक निजी क्षेत्र में देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक है। बैंक द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं का दायरा व्यापक पैमाने पर फैला हुआ है, जिनमें लार्ज एवं मिड काॅरपोरेट बैंकिंग, एसएमई बैंकिंग, एग्रीकल्चर एवं रीटेल बैंकिंग शामिल हैं। 30 सितंबर 2015 को भारत में अब तक बैंक के नेटवर्क में 2,743 शाखा कार्यालय (एक्सटेंशन काउंटर सहित) और 12,352 एटीएम हैं। बैंक की शाखायें 1,796 शहरों एवं नगरों में हैं। इन शाखा कार्यालयों की सहायता से बैंक व्यापक एवं विभिन्न ग्राहक वर्ग तक अपने उत्पादों एवं सेवाओं को रीटेल एवं कारपोरेट क्षेत्र में पहुंचाने में सफल रहा है। ऐक्सिस बैंक ने यूके, सिंगापुर, हांग कांग, शंघाई, कोलंबो, दुबई तथा अबू धाबी में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रखी है।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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