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पूर्व सैनिक की खुदकुशी पर छिड़ा सियासी संग्राम

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rahul gandhi-sisodiaनई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में एक पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल द्वारा वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) के क्रियान्वयन को लेकर खुदकुशी किए जाने के बाद बुधवार का माहौल राजनीतिक रूप से अफरातफरी वाला रहा। ग्रेवाल के परिजनों से मिलने गए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को हिरासत में ले लिया गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी हिरासत में लेकर 70 मिनट बाद छोड़ दिया गया। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने ओआरओपी के लिए पूर्व सैनिक की खुदकुशी को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए उम्मीद जताई कि सरकार पेंशन योजना का क्रियान्वयन करेगी।

एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राम किशन ग्रेवाल के परिजनों से मिलने नहीं दिया गया, वहीं मृतक के बेटे ने आरोप लगाया कि थाने ले जाने से पहले पुलिस ने उन्हें, उनके छोटे भाई तथा बहनोई के साथ मारपीट और गालीगलौच की। उन्होंने एक वीडियो संदेश के जरिए यह जानकारी दी। उन्होंने अपने परिवार के लिए इंसाफ की मांग की है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राहुल गांधी तथा केजरीवाल पर अनावश्यक रूप से विवाद पैदा करने का आरोप लगाया। केजरीवाल, हालांकि लेडी हार्डिग अस्पताल के बाहर जमे रहे और ग्रेवाल के परिजनों से मुलाकात होने तक वहां से न हटने की जिद पर अड़े रहे।
राजपूताना राइफल्स में रह चुके ग्रेवाल (70) ने ओआरओपी योजना के तत्काल क्रियान्वयन की मांग को लेकर मंगलवार शाम एक पार्क में जहर खाकर खुदकुशी कर ली थी।

बुधवार को हंगामा तब शुरू हुआ, जब सिसोदिया पूर्व सैनिक के परिजनों से मिलने के लिए राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल पहुंचे। उनके विरोध को नजरअंदाज करते हुए पुलिस उन्हें संसद मार्ग थाने ले गई। सिसोदिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हुए ट्वीट किया, मैं परिजनों से मिलने के लिए आरएमएल गया था न कि धरना देने। इसमें गलत क्या है? उन्होंने लिखा, अगर उप मुख्यमंत्री शोक संतृप्त परिवार से मिलते हैं, तो क्या कानून-व्यवस्था खतरे में पड़ जाती है? मोदी जी यह किस तरह का सिस्टम है?

सिसोदिया की हिरासत पर केजरीवाल ने नाराजगी भरी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने लेडी हार्डिग अस्पताल के बाहर कहा, केंद्र सरकार का इरादा गुंडागर्दी करना है। ग्रेवाल के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए पहले आरएमएल ले जाया गया था, फिर वहां से उसे पोस्टमार्टम के लिए लेडी हार्डिग अस्पताल लाया गया। अस्पताल में घुसने से रोके जाने पर केजरीवाल ने कहा, मैं दिल्ली का मुख्यमंत्री हूं। एक पूर्व सैनिक ने खुदकुशी की है। क्या मृतक के परिजनों से मिलना मेरा कर्तव्य नहीं है?

राहुल भी भडक़े
तब तक, पुलिस कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को आरएमएल अस्पताल में घुसने से रोक चुकी थी। राहुल ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, यह अलोकतांत्रिक मानसिकता है। एक नए तरह का भारत बन रहा है। यह मोदीजी का भारत है। हिरासत में लेने के बाद राहुल गांधी को मंदिर मार्ग पुलिस थाने ले जाया गया, जहां पूर्व सैनिक ग्रेवाल के बेटे जसवंत व उनके परिवार के सदस्यों को हिरासत में रखा गया था।

राहुल गांधी ने वहां एक पुलिस अधिकारी से पूछा, आपको शर्म नहीं आती? उन्होंने यह जानना चाहा कि वह खुदकुशी करने वाले एक पूर्व सैनिक के परिजनों को हिरासत में रखने के बारे में सोच भी कैसे सकते हैं। राहुल ने एक अधिकारी से पूछा, यदि आप एक पूर्व सैनिक के परिवार को गिरफ्तार कर सकते हैं, तो फिर मुझे क्यों नहीं? आप एक पूर्व सैनिक के परिजनों को कैसे गिरफ्तार कर सकते हैं? उन्होंने ग्रेवाल के परिजनों को छोडऩे के लिए कहा।

संयुक्त पुलिस आयुक्त दीपेंद्र पाठक ने कहा कि अस्पताल के बाहर हालात नियंत्रण में करने के लिए लोगों को हिरासत में लिया गया। विशेष पुलिस आयुक्त एम. के. मीणा ने कहा, इस तरह की राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता पुलिस थाने के बाहर जमा हो गए और पार्टी का झंडा लहराते हुए नारे लगाने लगे। कुल 70 मिनट तक हिरासत में रखने के बाद पुलिस ने राहुल गांधी को जाने की मंजूरी दे दी।

पुलिस ने कहा कि ग्रेवाल के परिजनों को इसलिए हिरासत में लिया गया क्योंकि वे हंगामा कर रहे थे। सिसोदिया से एक अधिकारी ने कहा कि किसी को भी 23 घंटे तक बिना कोई कागज दिखाए हिरासत में रखा जा सकता है।

समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा, अगर पूर्व सैनिक ने ओआरओपी के लिए खुदकुशी की है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल की खुदकुशी के मामले के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी है। उन्होंने ग्रेवाल की मौत पर शोक जताया है।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि अपने सुसाइड नोट में ग्रेवाल ने लिखा है कि वह देश के लिए बलिदान के रूप में खुदकुशी कर रहे हैं। पूर्व सैनिकों ने ओआरओपी में विसंगतियों को ठीक करने की मांग को लेकर मंगलवार से क्रमिक अनशन शुरू किया है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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