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ओयूपी की अकादमिक किताबें 2018 से हिंदी एवं बांग्ला में उपलब्ध

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नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)| ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस (ओयूपी) एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए भारतीय भाषाओं में अपनी अकादमिक पुस्तकों का प्रकाशन प्रारम्भ कर रहा है। ओयूपी भारतीय भाषा प्रकाशन कार्यक्रम की शुरूआत जनवरी 2018 में हिंदी एवं बांग्ला भाषा में पुस्तकों के प्रकाशन से करेगा और भविष्य में अन्य भारतीय भाषाओं को भी इसमें जोड़ा जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत हिंदी एवं बांग्ला में नयी किताबों के प्रकाशन के साथ ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस अपनी पूर्व-प्रकाशित क्लासिक पुस्तकों का अनुवाद भी प्रिंट और डिजिटल संस्करण में पाठकों को उपलब्ध कराएगा।

पहले साल में इस काय्र्रकम के तहत पाठकों को रोमिला थापर, आर. एस. शर्मा, सुमित गांगुली, मुशीरुल हसन, आंद्रे बेते, ऑस्टिन ग्रैनविल, आशुतोष वाष्र्णेय, माधव गाडगिल, रामचंद्र गुहा और आशीष नंदी जैसे बड़े और प्रतिष्ठित विद्वानों की किताबों का अनुवाद उपलब्ध कराया जायेगा।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस के निदेशक डॉ. सुगाता घोष ने कहा, भारतीय जनसंख्या का अधिकतम हिस्सा अपनी स्थानीय भाषाओं में पढ़ने लिखने का अभ्यस्त है। पाठकों का यह एक बड़ा हिस्सा भाषाई बाध्यता के कारण अन्य भाषाओँ में छपे विद्वानों के कार्यों का उपयोग नहीं कर पा रहा है। एक अकादमिक प्रेस होने के नाते शैक्षणिक गुणवत्ता और ज्ञान का प्रसार हमारा उद्देश्य है। प्रेस के इसी उद्देश्य के तहत हमने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा प्रकाशित उत्कृष्ट किताबों को स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध कराने का निर्णय किया है।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस अपने भारतीय भाषा कार्यक्रम के तहत आने वाली किताबों को जनवरी 2018 में होने वाले विश्व पुस्तक मेला, नई दिल्ली और कोलकाता पुस्तक मेला में पाठकों को उपलब्ध कराएगा।

आने वाले कुछ महीनों में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस लखनऊ, इलाहाबाद, रांची, देहरादून, जयपुर, भोपाल, कोलकाता, गोहाटी, ढाका जैसे शहरों में अपने पाठकों के लिए कार्यक्रम कराएगा जहां पाठक कुछ लेखकों से रूबरू होने का मौका पाएंगे।

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नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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