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बिजनेस

ओला मनी से देश भर में कैशलेस बिल भुगतान की सुविधा शुरू

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ओला मनी, कैशलेस बिल भुगतान, मोबाइल वॉलेट, डिजिटल इंडिया, अर्थव्यवस्था

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ओला मनी, कैशलेस बिल भुगतान, मोबाइल वॉलेट, डिजिटल इंडिया, अर्थव्यवस्था

                                   Ola-Money

नई दिल्ली  | ऑनलाइन कैब प्रदाता कंपनी ओला की मोबाइल वॉलेट ‘ओला मनी’ ने कहा कि उसने देश भर में गैस व बिजली बिल सहित 25 से अधिक यूटिलिटी के लिए कैशलेस भुगतान की सुविधा शुरू की है। मोबाइल वॉलेट द्वारा जारी बयान के मुताबिक, उपयोगकर्ता एप पर ‘बिल पेमेंट’ तथा यूटिलिटी प्रदाता के विकल्पों का चयन कर यूटिलिटी बिल का भुगतान कर सकते हैं।

बयान के मुताबिक, “बीईएससीओएम-बेंगलुरू, बीएसईएस यमुना व राजधानी-दिल्ली, नोएडा पावर- दिल्ली, इंद्रप्रस्थ गैस-दिल्ली, महावितरण-महाराष्ट्र, महानगर गैस-मुंबई, रिलायंस एनर्जी-मुंबई, राजस्थान विद्युत वितरण निगम सहित देश भर में 25 से अधिक यूटिलिटी के लिए ओला मनी से भुगतान कर सकते हैं।”

ओला के बयान के अनुसार, “सार्वजनिक यूटिलिटी के अलावा, मनोरंजन, टिकटिंग व ट्रैवल, रिचार्ज शॉपिंग इत्यादि के लिए ओला मनी का इस्तेमाल किया जा सकता है।”

ओला मनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा प्रमुख पल्लव सिंह ने बयान में कहा, “भारत भर में 500 से अधिक मर्चेंट पहले से ही ओला मनी से भुगतान स्वीकार कर रहे हैं। अपनी सूची में 25 प्रमुख यूटिलिटी को जोड़ने पर हमें गर्व है।”

बयान के मुताबिक, “ओला मनी के साथ हम डिजिटल इंडिया के विजन को मदद पहुंचाते हुए भारत को कैशलेस अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ाने की अपनी कटिबद्धता के साथ भुगतान प्रौद्योगिकी में इजाफा कर रहे हैं।”

 

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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