बिजनेस
कपड़ा क्षेत्र के लिए सूरत में कार्यशाला
नई दिल्ली| भारत सरकार का कपड़ा मंत्रालय सूरत में 9 और 10 अप्रैल को दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। कार्यशाला में राज्यों के सकारात्मक व सफल मध्यस्थता के बाद कामयाब टेक्सटाइल पार्क के स्पेशल पर्पज व्हीकल्स (एसपीवी) और राज्य सरकार के प्रतिनिधि अपने अनुभव साझा करेंगे। प्रतिभागी एसआईटीपी की सफलता के महत्वपूर्ण कारकों, जैसे पार्को के वित्तपोषण, राज्य सरकार का सहयोग, तकनीकी उन्नयन और कौशल विकास पहल के संबंध में भी चर्चा करेंगे। इस कार्यशाला के प्रतिभागियों को सूरत के स्थानीय उद्योगपतियों से बातचीत करने और कामयाब टेक्सटाइल पार्को का दौरा करने का मौका भी मिलेगा।
यह कार्यशाला स्कीम फॉर इंटीग्रेटिड टेक्सटाइल पार्क (एसआईटीपी) के अंतर्गत मंजूर टेक्सटाइल पार्क पर आयोजित की जाएगी। कार्यशाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘मेक इन इंडिया’ के क्रम में आयोजित की जाएगी। एसआईटीपी कपड़ा मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं में से एक है। इस कार्यशाला का उद्देश्य एसआईटीपी को निम्न कदमों से और प्रभावी बनाना है।
* एसआईटीपी के कार्यान्वयन की विशेषताओं की पहचान करना और उसे साझा करना।
* सुधार के लिए क्षेत्रों की पहचान करना और ऐसे सुधारों को योजना के कार्यान्वयन और उसका खाका तैयार करने के लिए कार्यनीति पर चर्चा।
* कपड़ा पारिस्थितिकी तंत्र को अपने राज्यों में बढ़ावा देने को लेकर इस योजना के लाभ समझने के लिए राज्यों को अवसर देना।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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