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उत्तराखंड

कम दाम में गरीबों की किडनी खरीदकर विदेशों में लाखों में बेच देता था यह अस्पताल, कुबूला गुनाह

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देहरादून। कुछ दिन पूर्व देहरादून में एक किडनी गिरोह का पर्दाफाश हुआ था। इसी कड़ी में पता चला है कि किडनी गिरोह के तार देश के कई और शहरों से जुड़े हुए थे।

पुलिस ने जब जांच की तो पाया कि अस्पताल के तार विदेशों से यानी खाड़ी के देशों में किडनी की तस्करी की जाती थी। इतना ही नहीं अस्पताल के एक कमरे से खाड़ी देशों के चार एयर टिकट के अलावा उर्दू में लिखे डॉक्टरी प्रिस्क्रप्शन मिले।

खबरों के अनुसार अस्पताल में काफी गरीब लोगों की किडनी बेहद कम दाम पर निकाल कर विदेशों में लाखों रुपये में बेच डाली जाती थी। पूरा खेल एजेंटों के सहारे चलता था। किडनी गिरोह का यह गंदा खेल मुम्बई से ऑपरेट होता था।

एजेंटों के माध्यम से खाड़ी देशों से मरीजों को यहां लाया जाता था। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब जांच की तो पता चला कि यहां एक ट्रांसप्लांट के बदले मरीजों से 25 से 50 लाख रुपये लिए जा रहे थे। एक एजेंट जावेद ने पुलिस के सामने अपना गुनाह भी मान लिया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार एक मरीज यहां ओमान से आया हुआ था।

 

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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