Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

कम महंगाई, सुधार से जगी आस, विकास दर ने किया निराश

Published

on

Loading

सिंहावलोकन-2014
नई दिल्ली| वैश्विक तेल मूल्य में भारी गिरावट और महंगाई दर के रिकार्ड निचले स्तर पर चले जाने के बाद भी 2014 में देश का आर्थिक प्रदर्शन, वित्तीय और व्यापार घाटा तथा रुपये की मजबूती के मामले में स्थिति को उत्सावर्धक नहीं माना जा सकता है। देश की विकास दर प्रथम तिमाही में 5.7 फीसद दर्ज करने के बाद दूसरी तिमाही में घटकर 5.3 फीसदी रह गई। यही नहीं दूसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में 0.7 फीसदी गिरावट ही रही।

यह अलग बात है कि सामाजिक सेवा की विकास दर 9.6 फीसदी, वित्तीय क्षेत्र की 9.5 फीसदी, उपभोक्ता सेवा की 8.7 फीसदी और कृषि उत्पादन वृद्धि दर 3.2 फीसदी रही। थोक मूल्य पर आधारित महंगाई दर नवंबर में शून्य फीसदी और उपभोक्ता महंगाई दर 4.38 फीसदी रही। इसी महीने पेश मध्यावधि समीक्षा में सरकार ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 5.5 फीसदी विकास दर हासिल किया जा सकता है और यदि सुधार के वर्तमान पथ पर चलना जारी रखा जाए तो अगले साल विकास दर 7.8 फीसदी रह सकती है।

मई के अंत में सत्ता हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने उदारवाद की तरफ बढ़ना शुरू किया और कई महत्वपूर्ण फैसले किए। पिछली तिथि के प्रभाव से लागू होने वाले कर के बारे में सरकार ने विदेशी निवेशकों की चिंता दूर करते हुए कहा कि सरकार आगे इस तरह की नीति नहीं अपनाएगी और कर प्रणाली पारदर्शी रहेगी।

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की), भारतीय उद्योग परिसंघ और एसोचैम जैसे उद्योग संघों ने आईएएनएस से कहा कि खुद मोदी द्वारा शुरू की गई योजनाओं का विश्व स्तर पर सकारात्मक असर देखा गया है, जिनमें मेक इन इंडिया, क्लीन इंडिया, जीरो-डिफेक्ट-जीरो-इफेक्ट मैन्यूफैक्च रिंग और डिजिटल इंडिया जैसी योजनाएं हैं।

भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “रेल किराया बढ़ाने, रक्षा, रियल्टी और बीमा में विदेशी निवेश सीमा बढ़ाने, रेलवे में विदेशी निवेश आकर्षित करने और ईंधन मूल्य में सुधार करने जैसे कई फैसलों से बाजार का उत्साह बढ़ा है।”

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रद्द किए गए कोयला ब्लॉकों की नीलामी तथा बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाने के लिए सरकार अध्यादेश भी लेकर आई है। वैश्विक तेल मूल्य में गिरावट से भी आम आदमी को काफी राहत मिली है। तेल मूल्य 15 डॉलर प्रति बैरल से घटकर आज 58 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है।

इस बीच डीजल मूल्य को फिर से नियंत्रण मुक्त कर दिया गया। घरेलू गैस मूल्य में हालांकि सीमित वृद्धि ही की गई और गहरे समुद्र में उत्खनन से संबंधित मूल्य को बाद के लिए टाल दिया गया। आलोच्य वर्ष में बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक में शानदार करीब 28 फीसदी तेजी दर्ज की गई है। रुपये का मूल्य हालांकि इस बीच 61.75 रुपये प्रति डॉलर से घटकर 63.88 रुपये प्रति डॉलर रह गया है।

इस वर्ष निर्यात में करीब पांच फीसदी वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन सोने तथा तेल आयात के कारण आयात काफी बढ़ गया। इसके कारण देश का व्यापार तथा चालू खाता घाटा बढ़ गया। फिक्की की अध्यक्ष ज्योत्स्ना सूरी ने कहा, “वस्तु एवं सेवा विधेयक को लोकसभा में पेश कर दिया गया है। अब भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दरों में कटौती करना शेष रह गया है। इसके बीच वह हर कुछ है, जिसकी भारतीय उद्योग जगत उम्मीद करता है।”

2014 के प्रमुख घटनाक्रम बिंदुवार इस प्रकार हैं :

– रक्षा, बीमा, रेलवे, चिकित्सा उपकरण तथा रियल्टी क्षेत्र में विदेशी निवेश सीमा के नियमों में ढील।

– रेल किराया बढ़ा, डीजल मूल्य को नियंत्रण मुक्त किया गया।

– मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे अभियान शुरू।

– आर्थिक विकास दर बढ़ी, लेकिन अब भी 5.5 फीसदी से नीचे।

– औद्योगिक उत्पादन में ठहराव जारी, लेकिन महंगाई रिकार्ड निचले स्तर पर।

– शेयर बाजर के एक प्रमुख सूचकांक में करीब 28 फीसदी उछाल, लेकिन रुपये का मूल्य घटकर 63.8 रुपये प्रति डॉलर।

– वित्तीय, व्यापार और चालू खाता घाटा बढ़ा।

– उद्योग का उत्साह और कारोबार करने की सुविधा बढ़ी।

– सरकारी कंपनियों के विनिवेश की प्रक्रिया फिर से चालू।

– कोयला ब्लॉक और दूरसंचार स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए सरकार तैयार।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

Published

on

Loading

महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

Continue Reading

Trending