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कम शुक्राणु वाले पुरुषों में बीमारी का खतरा अधिक

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लंदन, 20 मार्च (आईएएनएस)| शुक्राणु की कमी बांझपन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पुरुषों में बीमारी का जोखिम भी बढ़ा सकता है। एक नए अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, पुरुषों में शुक्राणु की कमी उनके स्वास्थ्य और बांझपन के संकेतक के रूप में देखा जाता है। उसका मूल्यांकन उन्हें स्वास्थ्य आंकलन और बीमारियों से निवारण का सुनहरा अवसर प्रदान करता है।

इटली के ब्रेशिया विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर और अध्ययन के मुख्य लेखक अल्बटरे फेरलिन ने कहा, हमारा अध्ययन स्पष्ट रूप से दिखाता है कि पुरुषों में शुक्राणु की कमी मेटाबॉलिक परिवर्तन, हृदय जोखिम और हड्डी के द्रव्यमान में कमी से जुड़ा हुआ है।

फेरलिन ने कहा, बांझ पुरुषों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं और जोखिम पहले से होते हैं, जो जीवन की गुणवत्ता को बिगाड़ सकते हैं और उनकी जिंदगियों को कम कर सकते हैं। फेरलिन पाडोवा विश्वविद्यालय में कार्यरत थे, जब उन्होंने यह अध्ययन किया था।

एंडो 2018 : एंडोक्राइन सोसाइटी की 100वीं वार्षिक बैठक और एक्सपो में प्रस्तुत अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने बांझ दंपतियों के 5,177 पुरुषों पर यह अध्ययन किया।

शोधकर्ताओं ने पाया कि अध्ययन में शामिल कुल पुरुषों की आधी संख्या में शुक्राणु की संख्या कम थी और सामान्य शुक्राणु की तुलना में पुरुषों के शरीर में 1.2 गुना अधिक वसा, उच्च रक्तचाप, खराब (एलडीएल) कोलेस्ट्राल और अच्छा (एटडीएल) कोलेस्ट्राल कम होने की संभावना थी।

शोधकर्ताओं ने कहा कि उनमें मेटाबॉलिक सिंड्रोम की उच्च तीव्रता भी पाई गई, इस तरह के अन्य मेटाबॉलिक जोखिम कारक मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की संभावना बढ़ाते हैं।

शोधकर्ताओं ने शुक्राणु की कमी वाले पुरुषों में हाइपोगोनेडिज्म का जोखिम और लो टेस्टोस्टेरोन का स्तर 12 फीसदी बढ़ जाता है।

लो टेस्टोस्टेरोन वाले आधे से ज्यादा पुरुषों में हड्डी के द्रव्यमान में कमी पाई गई

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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