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कश्मीर के युवाओं के हाथ में पत्थर देखकर होती है पीड़ाः मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, 'आजादी 70 साल, याद करो कुर्बानी', चंद्रशेखर आजाद, कश्मीर के युवाओं के हाथ में पत्थर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, 'आजादी 70 साल, याद करो कुर्बानी', चंद्रशेखर आजाद, कश्मीर के युवाओं के हाथ में पत्थर

narendra modi in jhabua

‘आजादी 70 साल, याद करो कुर्बानी’ अभियान पीएम ने की शुरुआत

अलीराजपुर। आजादी के 70 साल पूरे होने के अवसर पर देश में राष्ट्रभक्ति की भावना जगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मशहूर स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की जन्मभूमि मध्‍यप्रदेश के भाबरा में ‘आजादी 70 साल, याद करो कुर्बानी’ अभियान की शुरुआत की। उन्होंने आजाद की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘आजादी के 70 साल और भारत छोड़ो आंदोलन के 75 साल पूरे होने के मौके पर हम सवा सौ करोड़ देशवासियों का कर्तव्य बनता है कि हम स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने वाले लोगों को याद करें।’

पीएम ने इस मौके पर कश्मीर में चल रहे तनाव व हिंसक झड़पों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘जिन युवकों के हाथ में लैपटॉप होना चाहिए, जिन बालकों के हाथ में किताब होनी चाहिए, उनके हाथों में पत्थर देखकर मुझे पीड़ा होती है। मुझे तकलीफ होती है कि इन भोले-भाले बालकों का क्या होगा? कश्मीरियत को चोट पहुंचाने नहीं दिया जाएगा।’

उन्होंने कहा, ‘कश्मीर भारत का गौरव है। हर भारतीय का सपना कम से कम एक बार कश्मीर जाने का होता है, लेकिन आज वहां कुछ लोग वहां मुश्किलें पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं कश्मीर के लोगों से कहना चाहता हूं कि जो आजादी भारत के बाकी लोगों को है, वही आजादी उनके लिए भी है। हम कश्मीर के लिए विकास और रोजगार चाहते हैं। मैं कश्मीर को विकास की ऊंचाई पर ले जाऊंगा।’ उन्होंने कश्मीर के युवकों से साथ मिलकर कश्मीर को दुनिया का स्वर्ग बनाने की अपील की।

मोदी ने कहा, ‘कश्मीरी भाइयों, भारतीय सरकार आपकी हर मदद करेगी। कश्मीर में शांति बनाने के मुद्दे पर सभी राजनैतिक दल एकमत हैं। हम कश्मीर में शांति और विकास चाहते हैं। अपने कारोबार और नौकरी की तरक्की के लिए कश्मीरी जो भी चाहते हैं, उसमें केंद्र सरकार मदद करेगी। हम जम्मू-कश्मीर के लिए विकास और शांति चाहते हैं।’

मोदी ने कहा, ‘आजादी के उन नायकों को पढ़ने-लिखने का मौका मिला हो या न मिला हो, लेकिन उन्हें आजादी का मतलब मालूम था। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे आज यहां आकर चंद्रशेखर आजाद को नमन करने का मौका मिला। इससे हमें बेहतर करने की प्रेरणा मिलती है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के हिंदुस्तान में ज्यादातर लोग आजादी के बाद पैदा हुए हैं। आजादी के बाद जन्म लेने वालों को स्वतंत्रता हासिल करने के लिए बलिदान देने का अवसर नहीं मिला। PM ने कहा, ‘लेकिन हम संकल्प लें कि हम भी देश के गांव, गरीब, शोषित, वंचितों के लिए बेहतर करने का प्रयास करेंगे।’

ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली ना पहुंचने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘उन हिस्सों के लोग 18वीं सदी में जैसे जीते थे, अब भी वैसे ही हालात में रहते हैं। अभी भी कई गांव ऐसे हैं जहां बिजली नहीं पहुंची है। वे लोग सोचते होंगे कि आजादी मिल गई, लेकिन हमें बिजली क्यों नहीं मिली।’ PM ने कहा, ’70 साल का समय कम नहीं होता। हम यह नहीं कहते कि 70 साल में कुछ नहीं हुआ, लेकिन जितना होना चाहिए था उतना काम नहीं हुआ।’ उन्होंने देश की जनशक्ति से अपील की कि वे देश को आगे बढ़ाने का संकल्प लें।

प्रधानमंत्री मोदी ने यहां स्थापित आजाद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर महान स्वतंत्रता सेनानी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने आजाद की आदमकद प्रतिमा के साथ तस्वीर भी खिंचवाई। मोदी यहां आजादी के 70वें साल के मौके पर आयोजित ’70 साल आजादी, याद करो कुर्बानी’ कार्यक्रम की शुरुआत की।

आयोजन को सफल बनाने के लिए सरकार और भारतीय जनता पार्टी ने पूरी तैयारियां कर रखी थीं। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, मगर बीते दो दिनों से यहां जारी बारिश के कारण जगह-जगह कीचड़ थी। इस कारण भाबरा और फिर सभास्थल तक पहुंचने में लोगों को परेशानी हो रही थी।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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