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कश्मीर वार्ता शांति के लिए, आतंकवाद से सेना निपटेगी : माधव
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)| भाजपा नेता राम माधव ने शनिवार को कहा कि वार्ताकार की नियुक्ति सरकार की आतंकवादियों से निपटने में कश्मीर नीति पर यू-टर्न नहीं है और आतंकवाद के समर्थकों से सेना निपटेगी। उन्होंने साथ ही कहा कि जो भी वार्ता करना चाहते हैं वे आए और वार्ता करें। माधव ने इस मामले पर विपक्षियों की आलोचना पर प्रहार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कश्मीर नीति किसी मामले से निपटने के लिए ‘सुसंगत’ बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाना है, जिसके अंतर्गत एकसाथ कई कार्रवाई की जाती है।
उन्होंने सीएनएन-न्यूज 18 से कहा, और इसमें से एक है आतंकवादियों से निपटने के लिए कठोर सैन्य कार्रवाई। घाटी में जो भी देश-विरोधी कार्य हो, चाहे आतंकवाद में संलिप्तता, या इसे आगे बढ़ाने, या वित्तपोषण करने, या समर्थन करने में संलिप्त होगा, उसे छोड़ा नहीं जाएगा। यह जारी रहेगा। लेकिन अगर कोई केंद्र सरकार के पास आएगा और बातचीत करना चाहेगा, तो वह वार्ताकार से बात कर सकता है।
सरकार ने सोमवार को पूर्व खुफिया प्रमुख दिनेश्वर शर्मा को कश्मीर में सभी साझेदारों से बातचीत के लिए वार्ताकार नियुक्त किया था।
माधव ने कश्मीर नीति पर पाकिस्तान की किसी भी प्रकार की संलिप्तता को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि पड़ोसी देश के साथ बातचीत हो सकती है, लेकिन केवल उन्हीं हिस्सों के बारे में जो इस्लामाबाद के कब्जे में है।
माधव ने कहा, कश्मीर मुद्दा पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है। हम राज्य के लोगों से बात करेंगे, विभिन्न समूहों से बात करेंगे। किसी भी बाहरी ताकत की इसमें कोई जगह नहीं है।
उन्होंने कहा कि कश्मीर शांति की ओर बढ़ रहा है और घाटी में चीजे धीरे-धीरे सही हो रही हैं।
माधव ने कहा, घाटी में सामान्य राजनीतिक गतिविधि शुरू हो चुकी है। भाजपा और पीडीपी गठबंधन विकास पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दे रही है। अब नए विशेष वार्ताकार की नियुक्ति की गई है। आप देख सकते हैं कि गृहमंत्री ने यह स्पष्ट किया है कि जो भी बात करना चाहते हैं, सरकार के दरवाजे उनके लिए खुले हैं।
उन्होंने कहा कि यह पहल पुराने संप्रग सरकार की पहल से काफी अलग है।
यह पूछे जाने पर कि क्या शर्मा के हुर्रियत नेतृत्व से बातचीत की संभावना है? उन्होंने कहा इसपर अलगाववादी नेताओं को निर्णय लेना है कि वे बातचीत करना चाहते हैं या नहीं। यह ऐसा प्रश्न है, जिसे आपको उनसे पूछना चाहिए।
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मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।
गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।
शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।
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