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कांग्रेस की कलई खोलती सुषमा स्‍वराज की सफाई

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ललितगेट मुद्दे, लोकसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज, यूनियन कार्बाइड के तत्‍कालीन चेयरमैन वारेन एंडरसन, बोफोर्स कांड के अभियुक्‍त क्‍वात्रोच्चि, राजीव गांधी, आदिल शहरयार , पी चिदंबरम

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ललितगेट मुद्दे पर आज लोकसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज द्वारा दिए गए जवाब से कांग्रेस की राजनीति का चाल, चरित्र और चेहरा उजागर हो गया है। सुषमा के तथ्‍यों पर आधारित जवाब से यह स्‍पष्‍ट हो गया कि ललित मोदी मामले में गुनाहगार कांग्रेस है। इसके अलावा आज सदन में यह भी साबित हो गया कि भोपाल गैस कांड में लगभग 15हजार लोगों की मौत के जिम्‍मेदार यूनियन कार्बाइड के तत्‍कालीन चेयरमैन वारेन एंडरसन और बोफोर्स कांड के अभियुक्‍त क्‍वात्रोच्चि को देश से भगाने का काम भी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्‍व ने किया।

कांग्रेस की हालत सदन में तब और पतली दिखी जब सुषमा स्‍वराज ने सदन को बताया कि एंडरसन के बदले राजीव गांधी ने अपने बचपन के दोस्‍त के बेटे आदिल शहरयार को छुड़ाया था जो अमेरिका की जेल में 35 साल की सजा काट रहा था। सुषमा में अपनी दलील में कहा कि कांग्रेस के सारे आरोप झूठे हैं, कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ललित मोदी से अपनी व्‍यक्तिगत दुश्‍मनी के चलते कांग्रेस नेतृत्‍व को भ्रमित किया है। सुषमा स्‍वराज की सफाई के दौरान कांग्रेस सदस्‍यों ने लगातार नारेबाजी कर सदन को डिस्‍टर्ब करने की कोशिश की जबकि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे के वक्‍तव्‍य के दौरान सत्‍ता पक्ष के लोग चुपचाप उनकी बात सुन रहे थे। इससे ऐसा लगता है कि कांग्रेस के सदस्‍यों की सुषमा के जवाब में कोई दिलचस्‍पी नहीं थी। वे येन केन प्रकारेण संसद को बाधित करना चाहते हैं ताकि उनके गुनाहों के बारे में देश को जानकारी न होने पाए।

पहले सुषमा के इस्‍तीफे की मांग, फिर संसद में चर्चा से भागने की कोशिश, अपने सदस्‍यों के निलंबन की आड़ लेकर संसद में गतिरोध उत्‍पन्‍न करना और उसके बाद जिस सुषमा स्‍वराज पर आरोप लगाया उनका जवाब सुने बिना सदन को बाधित करना, कहीं न कहीं कांग्रेस की नीति और नीयत दोनों पर प्रश्‍नचिन्‍ह लगाता है।

सुषमा ने राजीव गांधी पर लगाए गए अपने आरोपों के संदर्भ में किसी और का नहीं बल्कि कांग्रेस के ही एक वरिष्‍ठ नेता दिवंगत अर्जुन सिंह की आत्‍मकथा में लिखी गई बातों का जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि उन्‍हें एंडरसन को भगाने के लिए वायरलेस पर संदेश मिला था, संदेश था कि एंडरसन को तुरंत एक विमान द्वारा दिल्‍ली पंहुचा दिया जाय क्‍योंकि भोपाल गैस कांड के दौरान अर्जुन सिंह मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री थे।

कांग्रेस के राजनैतिक इतिहास में इस तरह की कई कहानियां सुनने को मिलती हैं जब उनके शीर्ष नेतृत्‍व ने देश के गुनाहगारों का साथ दिया। ऐसे में यह आसानी से समझने वाली बात है कि अभी तक कांग्रेस संसद में चर्चा से क्‍यों भाग रही थी? सुषमा स्‍वराज ने शुरू से ही यही कहा था कि ललितगेट मामले में उनकी कोई गलती नहीं है और आज उसका पूरा प्रमाण उन्‍होंने संसद में दे दिया। अब बारी जनता की है कि संसद को इतने दिनों तक बाधित कर जनहित के तमाम फैसलों पर निर्णय न ले पाने वाली स्थिति पैदा करने की दोषी कांग्रेस का चुनावों में सबक सिखाए।

 

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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