नेशनल
कांग्रेस ने भारत-चीन सीमा गतिरोध पर केंद्र से जानकारी मांगी
नई दिल्ली, 14 जुलाई (आईएएनएस)| कांग्रेस ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से मांग की कि वह सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में भारत-चीन के बीच मौजूदा गतिरोध पर सूचनाएं साझा करे। कांग्रेस ने सरकार से भारत-चीन तथा भूटान सीमा पर मौजूदा हालात और परिस्थिति की पूरी जानकारी साझा करने को कहा।
कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि वह राष्ट्रहित की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठा रही है।
सर्वदलीय बैठक के दौरान कांग्रेस ने मांग की कि मोदी सरकार विपक्ष को विश्वास में ले।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, पिछले तीन वर्षो से कांग्रेस बार-बार मांग करती रही है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार विपक्ष को विश्वास में ले। हमने इस मांग को 30 जून को भी दोहराया, क्योंकि मौजूदा भारत-चीन सीमा गतिरोध राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता और खतरे की बात है।
सुरजेवाला ने कहा, पार्टी ने दोहराया कि भारत की सुरक्षा के मुद्दे पर पूरे देश को एक ध्रुव की तरह काम करना है। अपने राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा करने के हर प्रयास में हम सरकार का समर्थन करेंगे।
उन्होंने कहा, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के 10 वर्षो के शासन के दौरान कांग्रेस ने इस तरह के सभी मुद्दों से विपक्षी नेताओं को अवगत कराना हमेशा सुनिश्चित किया।
कांग्रेस नेता ने कहा, हमारी मांग के अनुसार, यह संतोषजनक बात है कि तीन साल की निद्रा से आखिरकार सरकार जागी और देश की मौजूदा व भविष्य की चिंताओं से विपक्षी पार्टियों को अवगत कराने के लिए एक बैठक आहूत की।
उत्तर प्रदेश
वाराणसी में साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद, सभी मंदिरों से हटाई जाएंगी मूर्तियां
वाराणसी। वाराणसी में इस समय साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद छिड़ गया है। ब्राह्मण सभा नाम का संगठन मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमा हटाए जाने के लिए मंदिरों से अपील का रहा है। जानकारी के अनुसार अब तक 14 मंदिरों से सांई बाबा की मूर्ती हटा ली गई है।
बता दें कि, ब्राह्मण सभा नाम के संगठन का कहना है कि, साईं बाबा की प्रतिमा की पूजा प्रेत पूजा है। इसलिए इसे मंदिर से हटाया जाना चाहिए। वहीं कुछ लोग ब्राह्मण सभा का विरोध भी कर रहे हैं।
दल के सदस्य अजय शर्मा के अनुसार काशी में सिर्फ काशीपुराधि बाबा विश्वनाथ ही पूजनीय हैं। शहर के कई शिव और गणेश जी के मंदिरों में अज्ञानतावश लोगों ने साईंबाबा की प्रतिमा स्थापित कर दी। इससे शिवभक्तों में नाराजगी है। दल ने नगर के ऐसे मंदिरों के महंतों से अपील किया है कि साईं की मूर्ति को ससम्मान मंदिर परिसर से हटवा दें। जल्द ही अगस्त्यकुंडा और भूतेश्वर मंदिर से साईं प्रतिमा हटेगी।
स्मृतिशेष द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने जीवन काल में महादेव और हिन्दू धर्म के मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि हिन्दू मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करना देवी-देवताओं का अपमान करने जैसा है। साईं फकीर और अमंगलकारी थे और उनकी पूजा से आपदाएं आती हैं। साईं बाबा हिंदू नहीं थे और उनकी पूजा को बढ़ावा देना हिन्दू धर्म को बांटने की साजिश है। श्री अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने भी कहा कि शास्त्रों में कहीं भी साईं की पूजा का वर्णन नहीं है, इसलिए अब मंदिर में स्थापित मूर्ति हटाई जा रही है।
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