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प्रादेशिक

कांग्रेस-भाजपा की मिलीभगत से गिरी बाबरी मस्जिद : रामगोपाल

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने गुरुवार को दावा किया कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (सपा) की मिलीभगत से अयोध्या में विवादित ढांचा (बाबरी मस्जिद) गिराई गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगर चाहती तो सदियों पुरानी यह मस्जिद जमींदोज होने से बच सकती थी।

रामगोपाल ने कहा कि अयोध्या में जब भाजपा, शिवसेना, आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लोग बाबरी मस्जिद को ढहाने में जुटे हुए थे, उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव अपने शयनकक्ष में आराम फरमा रहे थे। एक पुस्तक के विमोचन अवसर पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा में मिलीभगत थी, इसी कारण अयोध्या में हजारों की संख्या में मौजूद केंद्रीय सुरक्षा बलों को मस्जिद गिराने वालों पर कार्रवाई करने का आदेश नहीं दिया गया।

प्रो. यादव ने यह भी दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पार्टी नेता लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा के पक्ष में नहीं थे। आडवाणी का रथ जब भोपाल पहुंचा तो उसी शहर में रहते हुए भी वाजपेयी उसमें शामिल नहीं हुए थे। पुस्तक ‘संघर्ष के प्रयोग’ प्रो. रामगोपाल यादव के 45 चुनिंदा भाषणों का संग्रह है। इस पुस्तक का संकलन और संपादन वरिष्ठ पत्रकार राधेकृष्ण और दिनेश शाक्य ने मिलकर किया है। इस पुस्तक की प्रस्तावना उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा के पूर्व सदस्य उदय प्रताप सिंह ने लिखी है।

340 पृष्ठों की इस पुस्तक का प्रकाशन अमर फाउंडेशन और आर एंड डी एसोसिएट्स ने किया है। इस पुस्तक में ‘कांग्रेस-भाजपा की मिलीभगत से बाबरी मस्जिद गिरी’ शीर्षक से प्रो. रामगोपाल का एक भाषण है। इसमें उन्होंने कहा है कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए जितनी दोषी भारतीय जनता पार्टी है, उतनी ही दोषी कांग्रेस पार्टी भी है। इस भाषण में प्रो. यादव ने कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय में तैनात रहे एक वरिष्ठ अधिकारी को भाजपा ने केंद्र की सत्ता में आने पर राज्यपाल बनाकर इनाम दिया था।

प्रो. रामगोपाल के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय का यही अधिकारी पी.वी. नरसिंह राव और भाजपा-आरएसएस के नेताओं के बीच मध्यस्थ का काम कर रहा था। अयोध्या में 6 दिसंबर, 1992 को जब बाबरी मस्जिद गिराई जा रही थी, तो यही अधिकारी पीएमओ में बैठकर अयोध्या से मिल रही पल-पल की खबर प्रधानमंत्री तक पहुंचा रहा था। एक भाषण में रामगोपाल यादव ने कहा है कि 6 दिसंबर, 1992 को अगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव होते तो बाबरी मस्जिद कतई न गिरती। भाजपा और उसके सहयोगी संगठनों ने दो बार पहले भी बाबरी मस्जिद को गिराने की कोशिश की थी, लेकिन तब उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने सख्ती बरत कर उनके नापाक इरादों को कामयाब नहीं होने दिया था।

इस पुस्तक में देश के अलग-अलग स्थानों पर दिए गए प्रो. यादव के जिन 45 भाषणों को शामिल किया गया है, उनका संबंध जन सामान्य, किसान, गरीब, मजदूर, लोकतंत्र की रक्षा, पर्यावरण संरक्षण, जाति एवं वर्ग के शोषण से मुक्त भारत का निर्माण, विदेश नीति, धर्म निरपेक्षता, महिला अधिकारों की सुरक्षा आदि विषयों से है। साथ ही इसमें देश की अर्थनीति, विदेशों में जमा कालाधन, हिंदुस्तान में दिन-ब-दिन विकराल होती जा रही जल समस्या, पड़ोसी देशों से सीमा विवाद, आतंकवाद और नक्सली समस्या पर दिए गए उनके भाषणों को भी जगह दी गई है।

पिछले दो दशक से ज्यादा समय से लोकसभा और राज्यसभा में निरंतर सक्रिय रहे प्रो. रामगोपाल ने 11 सितंबर, 2005 को चित्रकूट में दिए एक भाषण में कहा है कि आर्थिक उदारीकरण का सबसे ज्यादा खामियाजा देश के गरीबों, मझोले उद्योग-धंधों को भुगतना पड़ा है। मल्टीनेशनल कंपनियों ने देश के उद्योग-धंधों को तबाह करके रख दिया है। उन्होंने कहा है, “नई आर्थिक नीति के चलते देश में अमीर और गरीब के बीच की खाई बहुत ज्यादा गहरी हुई है। नई आर्थिक नीति की गलतियों के कारण हम कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य समेत सभी क्षेत्रों में निरंतर पिछड़ते चले जा रहे हैं। आर्थिक उदारीकरण से सिर्फ मुट्ठीभर अमीर लोगों को फायदा पहुंचा है।”

IANS News

सीएम योगी ने देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’, यूपी में टैक्स फ्री हुई फिल्म

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बहुचर्चित फ़िल्म ‘ द साबरमती रिपोर्ट’ देखी। फिल्म देखने के बाद सीएम योगी ने कहा कि मैं “द साबरमती रिपोर्ट” की पूरी टीम को बधाई देता हूं जिन्होंने इस वास्तविक सच को देश की जनता के सामने फिल्म के माध्यम से बाहर लाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि हर भारतवासी को “द साबरमती रिपोर्ट” फिल्म को देखनी चाहिए और गोधरा का सच के नजदीक जाने का प्रयास करना चाहिए। सीएम योगी ने फिल्म को उत्तर प्रदेश में टैक्स फ्री करने की घोषणा की।

सीएम योगी ने कहा देश के खिलाफ और सरकारों के खिलाफ राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने के लिए समाज में वैमनस्यता पैदा करने के लिए देश में जो कृत्य हुए हैं उसे देश की जनता को जानने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि जो राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं उन चेहरों को पहचानने के साथ-साथ उनका पर्दाफाश करने की भी आवश्यकता है। सीएम योगी ने कहा कि फिल्म की टीम ने सत्य उजाकर करने के लिए अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। फिल्म के माध्यम से वास्तविक सच को एक बड़े रूप में देश के सामने लाने का प्रयास किया गया है।

सीएम योगी ने कहा कि मामला अयोध्या से जुड़ा है, मैं घटना में मारे गए सभी राम भक्तों को श्रद्धांजलि देता हूं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के साहसिक कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए लोग इस सत्य को अधिक से अधिक देखें। सीएम योगी राज्य सरकार की ओर से ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को टैक्स फ्री करने की घोषणा की।

इसके पहले सीएम योगी ने लखनऊ के प्लासियो मॉल के सिनेमाहॉल के ऑडी-07 में पूर्वाह्न 11:30 बजे के शो में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, महापौर सुषमा खर्कवाल, पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सहित अनेक अनेक जनप्रतिनिधियों और शासन-प्रशासन के अधिकारियों के साथ फ़िल्म देखी। खास मौके पर फ़िल्म के मुख्य अभिनेता विक्रांत मैसी और फ़िल्म यूनिट से जुड़े लोगों की मौजूदगी रही। इससे पहले, बीते मंगलवार को विक्रांत मैसी ने सीएम योगी से भेंट की थी।

बता दें कि ‘द साबरमती रिपोर्ट’ एक सत्य घटना पर आधारित एक बॉलीवुड ड्रामा फिल्म है, जिसका निर्देशन रंजन चांडेल द्वारा किया गया है। फिल्म में विक्रांत मैसी, राशि खन्ना और रिद्धि डोगरा लीड रोल में हैं। यह फिल्म साल 2002 में हुई साबरमती एक्सप्रेस की दिल दहला देने वाली घटना से प्रेरित है। एकता कपूर इस फिल्म की निर्माता है। 15 नवंबर को रिलीज हुई इस फिल्म की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने भी तारीफ की है।

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