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कांग्रेस विकास विरोधी,पूरे देश में बेनकाब करेंगे कांग्रेस का चेहरा – प्रकाश जावड़ेकर

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हगांमें की भेट चढ़े लोकसभा के मानसुन सत्र में काम – काज ठप रहा और अब सत्र न चलने को लेकर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप भी शुरू हो गया है । शुक्रवार को लखनऊ पहुचे प्रकाश जावड़ेकर ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए सत्र के हंगामे को लेकर गांधी परिवार को जिम्मेदार ठहराया है । जावड़ेकर ने कहा है कांग्रेस सत्ता में रहकर भी विकास विरोधी थी और अब विपक्ष में रहकर भी विकास विरोधी है । लेकिन कांग्रेस का ये चेहरा अब पूरे देश में बेनकाब होगा ।भाजपा अब इस मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरने वाली है । संसद के भीतर एक दूसरे पर हमला बोलने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस को अब लोकतंत्र विरोधी बताया है । केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज लखनऊ में मानसून सत्र न चलने को लेकर राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी को जिम्मेदार ठहराते हुए सत्र में अवरोध की तुलना आपातकाल से की है । जावड़ेकर ने कहा है कि जिस तरह गाधीँ परिवार ने आपातकाल के जरिए लोकतंत्र का हनन किया था ठीक वैसे ही सत्र में हंगामा किया गया । जावड़ेकर ने ये भी कहा है कि लोकसभा चुनाव में 44 तक सिमट चुकी कांग्रेस अपनी हार को हजम नही कर पा रही है बौखलाहट की वजह से ही बिना तथ्यों के हंगामा कर लोकतंत्र का हनन किया जा रहा है । लेकिन बीजेपी अब कांग्रेस को पूरे देश में बेनकाब करेगी । वही ललित गेट और व्यापम पर मंत्रियों का इस्तीफा मांगने पर भी प्रकाश जावड़ेकर ने ने सफाई दी है । जावड़ेकर ने इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि यूपीए के शासनकाल में खुद 6 मंत्रियों समते खुद प्रधामनंत्री भी कोयला घोटाले के दोषी है । लेकिन मौजुदा केंद्र में मंत्रियों पर लगे आरोपों का कोई आधार नही । और इस्तीफें का तो सवाल ही नही उठता । जावड़ेकर ने राज्यसभा में हंगामे की वजह से जीएसटी बिल पास न हो पाने पर भी पार्टी का रूख साफ कर दिया है । आपको बता दें कि मानसून सत्र में सरकार और विपक्ष के बिच टकराव सत्र खत्म होते ही सरकार बनाम गांधी परिवार में तब्दील हो चुका है । राहुल गांधी ने एक तरफ कल प्रधानमंत्री मोदी को बेदम बताया तो अब बीजेपी कांग्रेस को पूरे देश में लोकतंत्र विरोधी साबित करने की योजना बना रही है । लेकिन इस बात से भी इनकार नही किया जा सकता कि पूर्ण बहुमत होने के बावजूद केंद्र सरकार विपक्ष के सामने पूरे मानसून सत्र में हथिय़ार डालती दिखी।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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