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कंधार विमान अपहरण कांड पर 16 साल बाद खींचतान
नई दिल्ली। खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख ए.एस. दुलत द्वारा वर्ष 1999 में आईसी-814 विमान अपहरण मामले में किए गए खुलासों के बाद शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस में खींचातानी मची रही। आतंकवादियों को रिहा करने पर कांग्रेस ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा से देश से माफी मांगने की मांग की। भाजपा ने कांग्रेस की मांग के जवाब में कहा कि उस समय सभी निर्णय उच्चस्तर पर लिए गए थे।
कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने मीडिया से वार्ता में कहा, “अगर भाजपा अभी भी यह स्वीकार्य नहीं करती कि राजग सरकार आतंकवाद पर बिल्कुल नरम थी, तो भारत के लोग उसे कभी माफ नहीं करेंगे। भाजपा को अपनी करतूतों पर बेशर्मो वाला रवैया अख्तियार करने की आदत है, और उसे वे इस सरकार में भी दोहरा रहे हैं।” उन्होंने कहा, “कांग्रेस प्रधानमंत्री और भाजपा से भारत विरोधी तत्वों, आतंकवादियों और अपराधियों को बढ़ावा और सहयोग प्रदान करने के लिए पूरे देश से बिना शर्त माफी मांगने की मांग करती है। उन्हें आतंकवादियों को छोड़ने और भारत को ‘छलनी’ करने की वारदातों को जारी रखने के लिए पाकिस्तान में उनके सुरक्षित ठिकानों पर जाने देने के लिए माफी मांगनी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “इन सभी खुलासों से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) का रुख सच साबित होता है। यह सभी बातें पहले से ही सार्वजनिक थे, लेकिन भाजपा ने कभी इन्हें स्वीकार्य नहीं किया। एक अंदर के व्यक्ति ने इस बात का खुलासा कर दिया है।” रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख ए.एस. दुलत ने गुरुवार को कहा था कि 24 दिसंबर 1999 को जब इंडियन एयरलाइंस का विमान अमृतसर में उतरा तो पुलिस को कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिया गया, जिस वजह से अपहर्ता विमान को अफगानिस्तान के कंधार ले गए।
कांग्रेस के एक अन्य प्रवक्ता अजय कुमार ने मीडिया को बताया कि दुलत की टिप्पणियों से हैरतअंगेज तथ्य सामने आए हैं। उन्होंने कहा, “भाजपा जब भी सत्ता में आई है, उसने देश के हितों के साथ समझौता किया है। इन फैसलों के पीछे कौन था? प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और देश से माफी मांगनी चाहिए।” दुलत की किताब ‘कश्मीर : द वाजपेई इयर्स’ जल्द ही रिलीज होने वाली है।
भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि आतंकवादियों को रिहा करने का फैसला उच्च स्तर पर लिया गया था, और 2002 के दंगो के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माफी का सवाल ही नहीं उठता। भाजपा के प्रवक्ता एम.जे. अकबर ने कहा, “कांधार पर राजग के शीर्ष नेताओं के बीच उच्च स्तरीय बैठक में विचार-विमर्श हुआ था।” कांग्रेस पार्टी की प्रधानमंत्री मोदी की माफी की मांग पर अकबर ने कहा, “यह एक राष्ट्रीय संकट था और अटल बिहारी वाजपेई के साहस पर सभी राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श किया गया था। हर किसी को समर्थन में लिया गया था।” अकबर ने पूछा, “क्या उन 400 भारतीय लोगों को मरने के लिए छोड़ देते।” उन्होंने कहा, “कांधार पर कांग्रेस की याददाश्त बहुत ही सरल प्रतीत होती है.. यह अफसोस की बात है। शायद उन्हें अवसरों के आधार पर भूलने की बीमारी है।” विपक्षी पार्टियों ने गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के मामले को भी उठाया।
अजॉय कुमार ने कहा, “दुलत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को लगता था कि गोधरा दंगो के कारण वह 2004 का लोकसभा चुनाव हार सकते हैं। भारत रत्न वाजपेई ने 2002 की शर्मनाक घटना की खुले तौर पर निंदा की थी।” उन्होंने कहा, “वह वाजपेयी ही थे, जिन्होंने मोदी को राजधर्म निभाने की बात कही थी।” कांग्रेस ने कहा, “क्या नरेंद्र मोदी भारत रत्न वाजपेयी के शब्दों का सम्मान करेंगे और 2002 (गुजरात दंगों) पर देश से माफी मांगेंगे?” कांग्रेस की इस मांग पर भाजपा नेता एम.जे. अकबर ने भी गुजरात दंगों का हवाला देते हुए कांग्रेस से मोदी की सत्यनिष्ठा पर सवाल उठाने के लिए माफी की मांग की। अकबर ने कहा, “2002 के दंगों पर प्रधानमंत्री की माफी का सवाल ही नहीं उठता। उन्हें इस मामले में दोषमुक्त करार दिया जा चुका है।”
नेशनल
मुंबई पुलिस ने पकड़े 2.3 करोड़ रुपये, 12 लोग गिरफ्तार
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले पुलिस ने दक्षिण मुंबई के कालबादेवी में 12 लोगों के पास से 2.3 करोड़ रुपये नकद जब्त किए हैं। राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण EC के निर्देश पर गठित निगरानी टीम नकदी, शराब और अन्य संभावित प्रलोभनों जैसी वस्तुओं को लेकर भी सतर्क हैं. पुलिस की मानें तो आज शुक्रवार की सुबह तक की गई कागजी कार्रवाई और पूछताछ के बाद 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया, जो नकदी ले जा रहे बारह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया, जो बाद में आयकर विभाग को जांच के लिए सौंप दिया गया.
12 लोग गिरफ्तार
तलाशी के दौरान नकदी लेकर जा रहे ये लोग न तो नकदी से संबंधित कोई डॉक्यूमेंट प्रस्तुत कर सके और न ही वे इतनी बड़ी रकम ले जाने का कारण बता पाए। बता दें कि राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद निर्वाचन आयोग के निर्देश पर गठित निगरानी टीम नकदी, शराब और अन्य संभावित प्रलोभनों जैसी वस्तुओं को लेकर अलर्ट है। शुक्रवार को अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में सुबह तक कागजी कार्रवाई की गई। पूछताछ के बाद पैसे को जब्त कर लिया गया। वहीं नकदीं ले जा रहे 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि बाद में जांच के लिए नकदी को आयकर विभाग को सौंप दिया गया है।
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