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बिजनेस

काम की खबर: 30 सितम्बर के बाद इन छह बैंकों के चेक हो जाएंगे बेकार

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नई दिल्ली। यदि आपका भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व सहयोगी बैंकों में एकाउंट है तो यह खबर आपके काम की है। देश के सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़ेबैंक एसबीआई ने अपने पांच पूर्व सहयोगी बैंक और भारतीय महिला बैंक के ग्राहकों से नई चेक बुक के आवेदन के लिए कहा है।

बैंक ने ग्राहकों को तुरंत प्रभाव से नई चेक बुक का आवेदन करने के लिए इसलिए कहा है कि क्योंकि 30 सितंबर, 2017 के बाद पुराने बैंक के चेक और आईएफएससी कोड वैध नहीं होंगे। इन्हें अमान्य करार दिया जाएगा।

ये बैंक स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और भारतीय महिला बैंक हैं। इन बैंकों से जुड़े ग्राहकों को बिना देर किए अपने लिए नई चेक बुक का आवेदन करने के लिए कहा गया है।

एसबीआई ने ग्राहकों से आवेदन किया है कि नई चेक बुक के लिए इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एटीएम में जाकर तुरंत आवेदन करें। वहां जाकर अपको अपने पुराने चेक बुक के साथ अपनी पहचान और खाते की जानकारी देनी होगी, जिसके बाद आपको नया चेकबुक ईशू होगी। आप ये काम घर बैठे ही मोबाइल बैकिंग या इंटरनेट बैंकिंग से भी कर सकते हैं।

बता दें कि एक अप्रैल 2017 से भारतीय स्टेट बैंक में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और भारतीय महिला बैंक का विलय हो चुका है।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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