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आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई : मोदी
वियनतियाने (लाओस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर भारत का सैद्धांतिक मन्तव्य रखते हुए कहा कि ऐसे देशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए जो अपने देश की नीति के तौर पर आतंकवाद को औजार की तरह इस्तेमाल करते हैं। मोदी ने यहां 11वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “हमें सिर्फ आतंकवादियों के खिलाफ ही नहीं, बल्कि उनका समर्थन करने वाले पूरे परितंत्र के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है।”
पाकिस्तान का लिए बगैर मोदी ने कहा, “हमें सबसे सख्त कार्रवाई उन राजकीय तत्वों के खिलाफ करनी चाहिए, जो आतंकवाद को देश की नीति के तौर पर इस्तेमाल करते हैं।”
उन्होंने कहा, “दक्षिण एशिया क्षेत्र में अधिकांश देश आर्थिक समृद्धि के लिए शांतिपूर्ण मार्ग पर चल रहे हैं। लेकिन भारत के पड़ोस में एक देश है, जो केवल आतंकवाद के प्रश्रय और इसके निर्यात करने में आगे है।”
भारत-पाकिस्तान के संबंध जम्मू एवं कश्मीर में आठ जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से अधिक तनावपूर्ण हो गए हैं, जिसे पाकिस्तान ने ‘शहीद’ करार दिया है।
हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी के मारे जाने के बाद नौ जुलाई से ही कश्मीर में हिंसा व तनाव का माहौल है, जिसमें अब तक तीन पुलिसकर्मियों सहित 76 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों घायल हुए हैं।
आतंकवाद को बहुलवादी और खुले समाज के लिए सबसे गंभीर खतरा करार देते हुए मोदी ने इससे मुकाबले के लिए एक सामूहिक प्रयास का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जनसंहार के हथियारों को पूरी तरह समाप्त करने को लेकर प्रतिबद्ध है।
साल 2005 में स्थापना के समय से ही भारत इसका संस्थापक सदस्य है। पूर्व एशिया के रणनीतिक, भूराजनीतिक और आर्थिक विकास में पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
भारत के दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर सैद्धांतिक मन्तव्य बताते हुए उन्होंने कहा कि समुद्र से गुजरते हुए संचार मार्ग “वैश्विक कारोबार के मुख्य मार्ग है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत उड़ान से अधिक नौपरिवहन की स्वतंत्रता और संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के 1982 के समुद्री कानून के समझौते (यूएनसीएलओएस) को ध्यान में रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय कानून पर आधारित बिना रुकावट के व्यापार का समर्थन करता है।”
चीन दक्षिण चीन सागर में समुद्र तटीय इलाके के देशों से द्वीप समूहों के विवाद को लेकर उलझा है।
चीन के फिलीपींस के साथ दक्षिण चीन सागर के विवाद पर जुलाई में हेग के स्थायी मध्यस्थता न्यायालय के एक अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने फिलीपींस के पक्ष में फैसला दिया।
इसका फिलीपींस ने स्वागत किया और चीन ने अपनी नाराजगी जताई थी। चीन ने अपनी प्रतिक्रिया में इसे स्वीकार और मान्यता नहीं देने की बात कही।
मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत मानता है कि जटिल मामलों में धमकी या बल प्रयोग के इस्तेमाल विवाद का निपटारा शांति और स्थिरता को प्रभावित करता है।
उन्होंने कहा, “यूएनसीएलओएस का एक हिस्सेदार देश होने के तैर पर भारत सभी से इसके लिए सम्मान देने का आग्रह करता है।”
सभी देशों को साझा चुनौतियों के प्रति जागरूक होने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि इस साल के अखिर में भारत दूसरे पूर्व एशिया सम्मेलन का आयोजन समुद्री सुरक्षा और सहयोग पर करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हम समुद्री संसाधनों की सुरक्षा, पर्यावरण क्षरण को रोकने और नीली अर्थव्यवस्था को पकड़ने में भागीदार बनाने और अनुभव बांट सकते हैं।”
इससे पहले गुरुवार को 14वें भारत-आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्र संघ) में प्रधानमंत्री ने कहा कि आसियान भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति में अहम स्थान रखता है। उन्होंने दक्षिण पूर्व एशिया के साथ संबंधों को ‘सौहार्द का स्रोत’ कहा।
उन्होंने कहा कि भारत की आसियान के साथ भागीदारी में जुड़ाव को बढ़ाना प्रमुख है।
इसके लिए मोदी ने संयुक्त कार्य बल का प्रस्ताव दिया जो भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग के कंबोडिया, लाओस और वियतनाम तक जुड़ाव के विस्तार कार्य पर करेगा।
दोनों शिखर सम्मेलनों से इतर मोदी ने गुरुवार को लाओस के अपने समकक्ष थोंगलाउन सिसोउलिथ, दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्युन-हे, म्यांमार की स्टेट काउंसलर व विदेश मंत्री आंग सान सू की तथा अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा से भी मुलाकात की।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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