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किसकी होगी ये चॉइस ?
वो लोग हमारे समाज में हमेशा आकर्षण का केंद्र बनते है जो अत्याचार और नाइंसाफी खिलाफत करते है। इस तरह के मुद्दो को उठाने वाले लोगों को या तो विद्रोही करार देकर उनकी छवि धूमिल कर दी जाती है लेकिन आप वाकिफ है डाइरेक्टर होमी अदजानिया के हाल ही में रिलीज़ हुए वीडियो “माई लाइफ माई चॉइस “से ? होमी अदजानिया और बॉलीवुड दिवा दीपिका पादुकोण इस वीडियो में उठाये गए महिलाओं से सम्बंधित कुछ मुद्दो की वजह से विद्रोहियों श्रेणी में आ गएँ है।
आखिर ये चॉइस है क्या ? हाल ही में रिलीज़ हुए “माई लाइफ माई चॉइस” फिल्म जिसमें महिलाओं को सामाजिक बंदिशें तोड़के अपनी ज़िन्दगी अपने तरीके से जीनें की हिदायत दी गई है जिसमें ग़लत क्या है बिलकुल भी कुछ ग़लत नहीं।
जहाँ आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी सफलता का परचम लहरा रहीं है अपर मिडिल क्लास महिलाएं अगर इस वीडियो में दिखाए गए तथ्यों को अपनाये तो शायद समाज इसे नज़रअंदाज़ भी कर दे लेकिन डर तो इस बात का है की अगर मिडिल क्लास महिलाएं इस वीडियो से प्रभावित हुई तो कई घरों में रोज़कलह , लड़ाइयां , और हो सकता है की अलगाव की स्तिथियाँ भी पैदा हो जाये। लेकिन आखिर क्यों इस वीडियो में दिखाए गए तथ्य क्या सिर्फ पुरुषों के हिस्से में है क्या महिलाएं अपनी ज़िन्दगी अपने सिध्दहनतों और उसूलों पर जीने के लिए आज भी स्वतंत्र नहीं हैं ? इन सभी बातों को पढ़कर आपकी उत्सुकता अब ये जानने को बढ़ चुकी होगी की आखिर ऐसा क्या है इसमें ?
होमी अदजानिया ने इस वीडियो में दीपिका पादुकोण सहित कई और महिलाओं द्वारा महिलाओं से सम्बंधित कुछ मुद्दो के प्रति अपना गुस्सा ज़ाहिर करते हुए अपनी लाइफ अपने उसूलों पर जीने के लिए प्रोत्साहित किया है।
अत्याचार सहना ग़लत है, हम यह भी मानते है की महिलाओं को अपनी ज़िन्दगी अपने तरीके से जीने का पूरा हक़ भी है और इस बात को भी नहीं नकारा जा सकता की हम जिस समाज का हिस्सा है वहां महिलाओं को शर्म हाय के लिबास में ही देखना और नज़ाकत से बोलना ही पसंद किया जाता है।
लेकिन जब मैंने यह वीडियो देखा तो कुछ सवालों ने मेरे दिमाग में उथल पुथल मचा दी। वो ये की इस वीडियो में कहा गया है की “मैं एक पुरुष के साथ रिश्ते में बंधे रहने के बावजूद भी दूसरा सम्बन्ध बनाऊ” इट्स “माई लाइफ माई चॉइस”
इस बात पर हमारे हिन्दुस्तान में विरोध होना लाज़मी है जिसका विरोध हर जगह से होना शुरू भी हो चूका है माना की मर्यादा की मूरत , घर की लक्ष्मी कही जाने वाली हिन्दुस्तानी औरत अगर ऐसा करती है तो उसे चरित्रहीन , कुलटा , आदि नामों से सम्बोधित किया जायेगा लेकिन क्या इस बात के डर से महिला अपनी ज़िन्दगी में अपनी चॉइस को ही ख़त्म करदे । ऐसी लाइफ का क्या मतलब जिसमें अपनी चॉइस ही न हो?
“इस वीडियो में यह भी दर्शाया गया है की मैं महिला होते हुए चाहे पुरुष के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाऊ या महिला के साथ या फिर दोनों के साथ इट्स “माई लाइफ माई चॉइस”
बात ज़रा अटपटी है मगर समझने का फेर है की यहाँ इस वीडियो के माध्यम से इस बात को इसलिए कहा गया है की ये मेरी ज़िन्दगी में मेरी इच्छा अनिच्छा है की मैं किस के साथ सम्बन्ध बनाना चाहती हूँ क्या इस पुरुष प्रधान समाज में सिर्फ पुरुषों को ही शादी के एक बंधन में बंधे रहने के बावजूद दुसरे या तीसरे सम्बन्ध बनाने की स्वतंत्रता है ? हम यह कहते की महिलायें ऐसा करें मगर अगर ये उनकी भी चॉइस है तो फिर उनपर ही पाबंदी क्यों ?
जहां दिन प्रति दिन समाज में हो रहे बलात्कार के मामलें आम है वहीँ इस वीडियो का कहना है की ” मैं अगर शाम ६ बजे घर आ जाऊं तो खुश मत हो, और अगर मैं सुबह ४ बजे घर लौटू तो परेशान मत हो। इट्स “माई लाइफ माई चॉइस”
इसका जवाब में मैं यही कहना चाहती हूँ की बात बिलकुल सही है लहिलाओं को भी पुरुषों की तरह पूरा हक़ है बहार गहने का लेट नाइट पार्टीज़ अटेंड करने का, मगर यह बताइये की क्या पुरुष ही रात के अँधेरे में अपने अयाशियों और शौक पूरे कर सकते है ? अगर एक महिला ऐसा करती है या अपने दोस्तों संगी साथियों के साथ बहार निकलती है तो क्या उसका रेप कर दिया जायेगा ये किसी कानून में लिखा है या यह दुष्कर्मी का जन्म सिद्ध अधिकार हो गया है ? क्यों अगर एक महिला भी शुम कर या अपने किसी निजी काम के चलते घर देर रात तक आती है तो उसे एक दर को लेकर ही क्यों अपने घर पहुचने तक का सफर तय करना पढता है ? यहाँ पर महिलाओं ने अपनी उस लाइफ की चॉइस की बात कही है।
इस वीडियो में कहा गया है की मैं शारीरिक सम्बन्ध शादी से पहले बनाऊ या बाद में इट्स “माई लाइफ माई चॉइस”
यह बात एक ऐसी बात है जो हाँ मैंने माना की यह हमारे समाज की सोच के पर है और हो भी क्यों न क्युकी आज भी शादी के लिए सुन्दर के साथ साथ सुशील पवित्र कन्या की चाह हर कोई रखता है ?लेकिन अगर इस बात की डिमांड एक महिला रखे की जिस पुरुष से वो भावनाओं और ताः जीवन का बंधन बाँधने जा रही है क्या वो उससे पहले किसी शारीरिक सम्बन्ध में नहीं रहा ? तो ये डिमांड सिर्फ लड़कीयों के साथ ही क्यों ? उनकी भी अपनी लाइफ अपनी चॉइस है।
अब यह तो नहीं पता की होमी अदजानियाँ और दीपिका पादुकोण का यह वीडियो क्या रंग जायेगा मगर मेरे दिमाग में लिखते लिखते एक बात और आ रही है की कहीं यह सेलेब्रिटी दीपिका का अपनी आगामी फिल्म “पीकू” के लिए कोई नया हथकंडा तो नहीं जो भी हो दीपिका के लिए तो खुश खबरी है की वो इस वीडियो के माध्यम से आज कल हर किसी की जुबां पर छाई हुई है।
मैं उन महिलाओं और होमी अदजानिया से पूछना चाहती हूँ की अपनी आज़ादी पाकर चरित्रहीन , कुलटा, वैश्या जैसे शीर्षकों से पुकारे जाना हमारे समाज की कितनी महिलाएं चाहेंगी ? और होमी अदजानिया जी ऐसी “माई लाइफ माई चॉइस” किस काम की ?
होमी अदजानियां के इस शार्ट वीडियो का कुछ भी मोटिव हो मगर इसने माध्यम वर्गीय तबके में हल चल सी मचा दी है गली नुक्कड़ चौराहों पर चर्चा का विषय बनें इस वीडियो का बढ़ चढ़ कर नारात्मक विरोध हो रहा है लोगों का कहना है की क्या महिला सशक्तिकरण की भावना जाग्रत करने के लिए शारीरिक संबंधों की बात करना, देर तक घूमना, कई सम्बन्ध बनाना ,आदि की स्वतंत्रता पाकर ही नारी खुद को आज़ाद महसूस कर सकती है। अगर ऐसा करने वाले पुरुष ऐसा करते है तो वो ग़लत है और ग़लत को सही करने की वजाय उसी में लिप्त होकर उसे किया जाये तो क्या हम एक साफ़ सुथरे समाज की कामना कर सकते हैं ?
बात चाहे जो भी हो मगर हम मैं बस इतना ही कहना चाहूंगी की बात इस वीडियो में दिए गए तथ्यों नो नज़रअंदाज़ करके अगर महिलाएं अपनी ज़िंदगी के पहलु को अपने उसूलों पर जीना चाहे तो उन्हें भी पुरुषों के सामान अधिकार और सम्मान दिया जाये।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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