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किसानों की खुशहाली के बिना उप्र का विकास संभव नहीं : योगी
लखनऊ, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों की खुशहाली के बिना राज्य का विकास संभव नहीं है। इसीलिए राज्य सरकार ने किसानों के हितों में अनेक फैसले लिए हैं।
मुख्यमंत्री शनिवार को यहां विधान भवन प्रांगण में पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत चौधरी चरण सिंह के 115वें जन्मदिवस पर आयोजित ‘किसान सम्मान दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने चौधरी चरण सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, जब किसानों की आर्थिक स्थित मजबूत होगी, तो देश स्वत: ही विकास की राह पर आ जाएगा। इसके दृष्टिगत वर्तमान सरकार ने किसानों को लगभग 70 हजार करोड़ रुपये की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष मदद देने का काम किया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गेहूं, चना, मटर, मसूर तथा राई, सरसों, धान, मक्का, अरहर, उड़द तथा सोयाबीन की फसलों में प्रति हेक्टेयर उच्च उत्पादकता प्राप्त करने वाले 33 किसानों को फसलवार क्रमश: प्रथम पुरस्कार के लिए एक लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार के लिए 75 हजार रुपये तथा तृतीय पुरस्कार के लिए 50 हजार रुपये, एक शॉल, प्रशस्ति-पत्र एवं पुस्तक देकर सम्मानित किया।
योगी ने कहा, ‘किसान सम्मान दिवस’ के अवसर पर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कुल 6,538 किसानों को भी सम्मानित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार किसानों के उत्थान और उन्नयन के लिए संकल्पित है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से आपदा की स्थिति में किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है। वहीं स्वायल टेस्ट लैब खोले गए हैं, जिससे भूमि की सेहत के विषय में जानकारी प्राप्त हो सकेगी। यह विधि कृषि उत्पादन को बढ़ाने और लागत को कम करने में मददगार साबित होगी।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा, किसानों के खुशहाली से देश खुशहाल हो सकता है। चौधरी चरण सिंह जी के प्रयासों से ही जमींदारी व्यवस्था समाप्त हो सकी। वर्तमान सरकार किसानों की आय बढ़ाने को लेकर काफी गंभीर है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाले किसानों में विजय भान सिंह, सुरेंद्र यादव, प्रिया, नंद किशोर वर्मा, कोमल देवी, परितोष, सुरेंद्र सिंह, ओम प्रकाश, बालीराम, सुमन तथा प्रमिला देवी शामिल थीं।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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