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किसानों की दुर्दशा पर बहस की मांग पर विपक्ष का लोकसभा से बहिर्गमन

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नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)| लोकसभा में बुधवार को विपक्षी दलों ने किसानों से जुड़े मुद्दों पर तत्काल बहस की मांग की, लेकिन आसन द्वारा उनकी यह मांग ठुकरा दिए जाने बाद कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने सदन से बहिर्गमन किया। सरकार ने हालांकि कहा कि यह मामला नियम 193 के तहत बहस के लिए अधिसूचित है।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्होंने किसानों की समस्याओं से जुड़े मुद्दों पर बहस के लिए स्थगन का नोटिस दिया है, लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई।

खड़गे ने कहा, किसान बड़े पैमाने पर समस्याएं झेल रहे हैं। वे आत्महत्या कर रहे हैं। कृषि क्षेत्र पूरी तरह गड़बड़ा गया है और उनकी समस्याएं बढ़ रही हैं। केंद्र सरकार इस संकट को दूर करने में नाकाम रही है।

खड़गे ने मांग की कि देशभर में कृषि ऋण को माफ कर दिया जाए और किसानों को उनके वास्तविक खर्च पर 50 प्रतिशत लाभ के साथ एमएसपी दिया जाए।

इस पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा, किसानों का मुद्दा नियम 193 के तहत बहस के लिए अधिसूचित किया गया है। हम मुद्दे पर बहस और सदस्यों द्वारा उठाए गए प्रश्नों का उत्तर देने के लिए तैयार हैं।

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी खड़गे से बहस के दौरान अपनी बात उठाने को कहा, लेकिन खड़गे ने तत्काल बहस की मांग की।

महाजन ने जब उनकी मांग नामंजूर कर दी तो वाम, तृणमूल, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल (यू) और नेशनल कांफ्रेंस समेत सभी विपक्षी दलों के सदस्य उठकर सदन से बाहर चले गए।

इससे पहले कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने मुद्दे पर हंगामा किया, जिसके कारण महाजन को दोपहर 12 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। दरअसल, खड़गे ने मुद्दा उठाना चाहा था, लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई।

इसके तत्काल बाद विपक्षी सदस्य सदन की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के आसन की ओर बढ़े और नारेबाजी शुरू कर दी।

कुमार ने कहा, हम बहस के लिए तैयार हैं, इसलिए कृपया सदन की कार्यवाही में व्यवधान न डालें।

हंगामे के बीच अध्यक्ष ने प्रश्नकाल चलाने की कोशिश की। सदन में हंगामा न रुकता देख महाजन ने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

महाजन ने कहा, आप केवल हंगामा करना चाहते हैं। आप चर्चा नहीं करना चाहते।

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नेशनल

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था

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मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।

कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।

बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

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