प्रादेशिक
किसान दिवस को लेकर रालोद ने तेज की तैयारी
लखनऊ| राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने 23 दिसंबर को दिल्ली के किसान घाट पर आयोजित होने वाले किसान दिवस को सफल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश में तैयारियां तेज कर दी हैं। दिल्ली के 12 तुगलक रोड पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के स्मारक बनाने की जंग में अकेले पड़े रालोद ने किसान दिवस को कामयाब बनाने को लेकर अपनी ताकत झोंक दी है। रालोद ने हालांकि, समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव द्वारा जंतर मंतर पर शुरू किए गए धरने पर भी सवाल खड़ा किया है।
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि दिल्ली के किसान घाट पर 23 दिसंबर को प्रत्येक जिले से प्रतिनिधियों से भाग लेने को कहा गया है। दिल्ली के निकट के क्षेत्रों से खासतौर पर लोग किसान दिवस में शामिल होने के लिए पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि दिल्ली के अलावा उप्र के जिला मुख्यालयों और लखनऊ में भी चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
ज्ञात हो कि मेरठ में 12 अक्टूबर को संपन्न किसान स्वाभिमान रैली में कांग्रेस, सपा व जनता दल परिवार के नेताओं के जमावड़े से चरण सिंह स्मारक निर्माण की लड़ाई तेज होती दिखी थी, लेकिन रालोद के अलावा अन्य दलों ने स्मारक आंदोलन से दूरी बना ली है। दिल्ली में 23 दिसंबर को होने वाले किसान दिवस पर भी एकजुटता होती नहीं दिख रही। किसान घाट पर चरण सिंह जयंती के मौके पर संयुक्त प्रदर्शन करने की योजना सिरे नहीं चढ़ सकी और इसके विपरीत जनता दल परिवार के घटक दल चरण सिंह जयंती से एक दिन पहले 22 दिसंबर को दिल्ली में धरने पर हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी चौ.चरण सिंह के स्मारक की लड़ाई में अकेले पड़ गई है, तो उन्होंने कहा, “ऐसा नहीं है। यह हमारी पार्टी का विषय है और हम इसकी लड़ाई लडेंगे।” जनता दल परिवार की ओर से किए जा रहे धरने को लेकर चौहान ने कहा, “मुलायम सिंह का जंतर मंतर पर कालाधन के लिए धरना तो नौटंकी है। एक तरफ वह चौटाला, लालू यादव के साथ मिलकर जनता दल परिवार बनाते हैं। अब चौटाला और लालू जैसे लोगों का साथ लेकर वह कालेधन की लड़ाई लड़ेंगे, यह सोचकर ही हंसी आती है।” चौहान ने कहा कि इन दोनों नेताओं के अलावा खुद मुलायम के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है। देवगौड़ा के बेटे पर भी इसी तरह का आरोप लगा है। यह धरना तो महज दिखावा है।
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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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