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खेल-कूद

कुंबले के अनुबंध मुद्दे से निपटने के तरीके पर गुहा ने उठाए सवाल

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नई दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)| भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को चलाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर गठित प्रशासक समिति (सीओए) से इस्तीफा देने वाले जाने-माने इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने बीसीसीआई द्वारा भारतीय क्रिकेट टीम के कोच अनिल कुंबले के अनुबंध को संभाले जाने के तरीके पर सवाल खड़े किए हैं। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रशासक समिति की ‘चुप्पी’ से लग रहा है कि वह भी इस मामले में ‘शामिल’ है।

प्रशासक समिति के चेयरमैन विनोद राय को लिखे एक पत्र में गुहा ने कहा कि पिछले सीजन में राष्ट्रीय टीम का रिकॉर्ड शानदार रहा है और इसका अधिकतर श्रेय खिलाड़ियों को जाता है, लेकिन कुछ श्रेय के हकदार टीम के मुख्य कोच और उनका स्टॉफ भी है।

राय को लिखे पत्र में गुहा ने कहा, न्याय और योग्यता के आधार पर देखा जाए, तो मुख्य कोच (कुंबले) के अनुबंध की अवधि को बढ़ाना चाहिए था। इसके बजाए कुंबले को अधर में लटका दिया गया और फिर कहा गया कि इस पद के लिए फिर से आवेदन मांगे गए हैं।

गुहा ने साफ तौर पर कहा कि इस मुद्दे को बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और बीसीसीआई के पदाधिकारियों द्वारा बेहद ‘असंवेदनशील और गैरपेशेवाराना तरीके’ से संभाला गया है और ‘दुर्भाग्य से इसमें अपनी चुप्पी और कोई कदम न उठाने के कारण प्रशासक समिति भी भागीदार बन गई है।’

गुहा ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 30 जनवरी को दिए गए आदेश को दोहराया जिसमें कहा गया है कि सीओए बीसीसीआई के प्रबंधन को संभालेगी। उन्होंने कहा कि अगर कुंबले के कोच पद की अवधि समाप्त होने में एक साल रह गया था, तो ‘नए कोच की नियुक्ति के लिए आवेदन प्रक्रिया को अप्रैल या मई में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान क्यों शुरू नहीं किया गया?’

गुहा ने कह, अगर सच में कप्तान और मुख्य कोच की नहीं बन रही थी तो फिर इस प्रक्रिया को आस्ट्रेलिया सीरीज के समापन के बाद ही क्यों शुरू नहीं किया गया? इसे अंतिम मिनट के लिए क्यों छोड़ दिया गया, जबकि एक महत्वपूर्ण टूर्नामेंट की शुरुआत होने वाली है और अनिश्चितता कोच, कप्तान और टीम के मनोबल और फोकस को प्रभावित कर सकती है?

उन्होंने कहा कि इस सबमें यह साफ नजर आ रहा है कि टीम के वरिष्ठ खिलाड़ियों को कोच के ऊपर वीटो पॉवर होने का संकेत दे दिया गया है जोकि सुपरस्टर संस्कृति के बेलगाम हो जाने का एक और उदाहरण है।

गुहा ने कहा, इस प्रकार का वीटो पॉवर किसी भी देश के किसी भी खेल में किसी भी उच्चस्तर की पेशेवर टीम को नहीं दिया जाता। इसी पॉवर के कारण अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों से अलग आज के भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों को यह तक चुनने का हक मिल गया है कि कमेंट्री टीम का सदस्य कौन होगा।

गुहा ने कहा, अगर यही हाल रहा तो आज बात कोच की है, कल को यह (खिलाड़ियों का यही वीटो पावर) चयनकर्ताओं और बोर्ड पदाधिकारियों पर भी क्या लागू नहीं हो जाएगा?

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खेल-कूद

IND VS AUS: पर्थ में टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड, भारत ने 295 रनों से दी मात

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पर्थ। भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाते हुए नया कीर्तिमान रच दिया है। टीम इंडिया ने पर्थ में 16 साल बाद पहला टेस्ट मैच जीता है। इससे पहले भारत ने साल 2008 में कुंबले की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। हालांकि यह मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला गया। पहली पारी में 150 रन बनाने वाली टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में सिर्फ 104 रनों पर ढेर कर दिया था। इसके बाद टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी 487/6 रन के स्कोर पर घोषित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।

इस पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 238 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई। इस तरह टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 295 रनों से हराकर बड़ा इतिहास रच दिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि टीम इंडिया में न तो रोहित शर्मा थे, न ही शुभमन गिल, न ही रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन और न ही मोहम्मद शमी थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल ने 161 रन और विराट कोहली ने नाबाद शतकीय पारी खेली। दूसरी पारी में केेल राहुल ने भी 77 रनों की अहम पारी खेली। पहली पारी में टीम इंडिया 150 रनों पर सिमट गई थी पर भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का कमबैक करते हुए पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम को घुटनों पर ला दिया। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 104 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने कमाल का कमबैक करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 6 विकेट के नुकसान पर 487 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जिससे ऑस्ट्रेलिया को 534 रनो का टारगेट मिला। लेकिन चौथे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हरा दिया।

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