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प्रादेशिक

कुडनकुलम परमाणु संयंत्र से बिजली उत्पादन दोबारा शुरू

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चेन्नई। कुडनकुलम परमाणु विद्युत परियोजना (केएनपीपी) से दोबारा बिजली उत्पादन शुरू हो गया है। इसकी पहली इकाई में गड़बड़ी होने की वजह से 14 जनवरी को इससे बिजली उत्पादन बंद हो गया था। यह जानकारी पॉवर सिस्टम ऑपरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड (पोस्को) ने सोमवार को दी। पोस्को के मुताबिक, 1,000 मेगावाट की पहली केएनपीपी इकाई से रविवार को बिजली उत्पादन शुरू हो गया।

पोस्को ने कहा कि रविवार को शुरू होने के बाद परमाणु बिजली इकाई शीर्ष 658 मेगावाट बिजली उत्पादन का आंकड़ा छू गई। एक दिन औसतन 168 मेगावाट बिजली उत्पादन होता है। भारत के परमाणु बिजली संयंत्र संचालक न्यूक्लीयर पॉवर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) चेन्नई से 650 किलोमीटर दूर तिरुनेलवेली जिले के कुडनकुलम में 1,000 मेगावाट के दो रूसी रिएक्टर स्थापित कर रहा है। हालांकि, व्यावसायिक बिजली उत्पादन 31 दिसंबर, 2014 में ही शुरू हुआ। उसके बाद इकाई 14 जनवरी को ठप होने से पहले तक औसत 940 मेगावाट बिजली पैदा करती रही।

परमाणु विद्युत का विरोध कर रहे कार्यकर्ता जी. सुंदरराजन के मुताबिक, परमाणु बिजली कंपनी को संयंत्र से प्रतिदिन करीब आठ करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। सुंदरराजन ने 17,000 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित हुए केएनपीपी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया है। सुंदरराजन ने बताया कि केएनपीपी की पहली इकाई ने 31 दिसंबर, 2014 को व्यावसायिक विद्युत उत्पादन शुरू किया। तब से लेकर यह प्रतिदिन करीब 940 मेगावाट या प्रतिदिन करीब 2.25 करोड़ यूनिट बिजली पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि पहली इकाई का वास्तविक प्रति युनिट कमर्शियल टैरिफ अब तक स्पष्ट नहीं है। अलग-अलग अधिकारी 3.50 प्रति इकाई से लेकर चार रुपये प्रति इकाई के अलग-अलग आंकड़े दे रहे हैं।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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