नेशनल
कुपवाड़ा में एलओसी पर घुसपैठ नाकाम, दो जवान शहीद
श्रीनगर। उत्तरी कश्मीर तथा जम्मू जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गुरुवार को अलग-अलग घटनाओं में सेना तथा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का एक-एक जवान शहीद हो गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा पर आतंकवादियों की घुसपैठ को नाकाम करने के दौरान सेना का एक जवान शहीद हो गया, जबकि दूसरा घायल हो गया।
वहीं जम्मू जिले के आर.एस.पुरा सेक्टर के अब्दुल्लियान में पाकिस्तानी रेंजरों की गोलीबारी में बीएसएफ का एक जवान शहीद हो गया, जबकि दूसरा घायल हो गया। सेना के श्रीनगर-मुख्यालय 15 कोर के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया, तंगधार सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक समूह को सतर्क सैनिकों ने ललकारा, जिसके बाद हुई मुठभेड़ में सेना का एक जवान शहीद हो गया और एक अन्य घायल हो गया।
उन्होंने कहा कि अभियान अभी भी चल रहा है और घायल सैनिक को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बाद में एक रक्षा प्रवक्ता ने जम्मू में कहा कि पाकिस्तानी सेना ने गुरुवार शाम पुंछ जिले की कृष्णा घाटी में नियंत्रण रेखा पर भारतीय बलों की चौकियों पर गोलीबारी की।
उन्होंने कहा, पाकिस्तानी सेना ने केजी सेक्टर में गुरुवार शाम 5.10 बजे छोटे हथियारों, स्वचालित हथियारों व 82 एमएम के मोर्टारों से हमला कर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। हमारे जवान मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। अंतिम रिपोर्ट आने के बाद से लेकर अब तक हमारे जवानों को हुए किसी नुकसान की कोई खबर नहीं है।
उत्तर प्रदेश
बदायूं के इस गांव में आजादी के बाद भी नहीं मिली रोड की सुविधा, अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण
बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद में एक गांव ऐसा भी है जहां देश आजाद होने के बाद भी सड़क की सुविधा नही मिली है और पिछले 30 साल से एक भी व्यक्ति की सरकारी नौकरी नहीं लगी है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। जिसमें तीन लोगों की हालात बिगड़ गयी जिनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा धरना स्थल पर ही उपचार किया जा रहा है।
बता दें कि पूरा मामला जनपद बदायूं के बिसौली तहसील के आसफपुर विकासखंड क्षेत्र के ढोरनपुर गांव का है। जहां ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने बताया कि देश आजाद होने के बाद भी आज तक मुख्य मार्ग से गांव तक आने वाली सड़क की सुविधा नहीं मिली है।जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है और बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। सड़क निर्माण ना होने वजह से पिछले 30 सालों से आज तक एक भी व्यक्ति की कोई भी सरकारी नौकरी नहीं लगी है। वही लोकसभा 2024 के चुनाव में सड़क की सुविधा नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। लेकिन अधिकारियों और नेताओं ने आश्वासन देकर वोट डालने की अपील की थी। लेकिन
भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ी
चुनाव संपन्न होने के बाद भी सड़क की सुविधा नहीं मिलने से ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ गई जिनके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कर्मचारियों को भेजा गया है। 24 घंटे स्वास्थ्य विभाग की टीम धरना स्थल पर मौजूद है। वही ग्रामीणों ने बताया गांव में बिजली की भी समस्या है आये दिन बिजली के जर्जर तारों से घटनाएं होती है लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं होती।ग्रामीणों ने बताया कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होता है तब तक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रहेगी। अब देखना होगा कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों की समस्याओं का निस्तारण हो पाता या नहीं ।
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