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मुख्य समाचार

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की तबियत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

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Paswanपटना। केन्द्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) प्रमुख रामविलास पासवान की तबियत गुरुवार रात अचानक बिगड़ जाने के बाद उन्हें पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां अब उनकी सेहत में लगातार सुधर हो रहा है। संभावना है कि उन्हें शुक्रवार दोपहर के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।

केंद्रीय मंत्री के भाई और लोजपा नेता पशुपति कुमार पारस ने शुक्रवार को बताया कि पासवान को ह्रदय संबंधी कोई समस्या नहीं है। उन्हें सिर्फ ठंड लगी थी, जिससे वह श्वास लेने में कुछ परेशानी महसूस कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्हें इलाज के लिए दिल्ली ले जानी की जरूरत नहीं है।

चिकित्सकों ने उन्हें ठंड से बचने की सलाह दी है। रामविलास पासवान की गुरुवार रात को अचानक तबियत बिगड़ गई थी जिसके बाद उन्हें पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रारंभ में उन्हें आईसीयू में रखा गय था। रामविलास से अस्पताल में मिलने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद उनके दोनों मंत्री पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव व तेजप्रताप यादव सहित कई मंत्री और सांसद पहुंचे थे।

लोजपा के प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने बताया कि रामविलास जी अब लोगों से बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि संभावना है कि दोपहर बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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