प्रादेशिक
केजरीवाल कर रहे योग, प्राणायाम
बंगलुरु। आम आदमी पार्टी में चल रही उठापटक से दूर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिंदल नेचरकेयर इंस्टीट्यूट में खांसी और मधुमेह का प्राकृतिक उपचार कराते हुए अपनी दैनिक दिनचर्या के हिस्से के तौर पर योग क्रियाएं और प्राणायाम कर रहे हैं। गुरुवार को ली गई तस्वीरों में 44 वर्षीय केजरीवाल विभिन्न योगासन करते हुए नजर आ रहे हैं।
बंगुलरु की बाहरी सीमा पर स्थित जिंदल नेचरकेयर इंस्टीट्यूट में केजरीवाल का उपचार चल रहा है। केजरीवाल पांच मार्च को इस अस्पताल में भर्ती हुए थे। उनके शरीर को विकार रहित बनाने के लिए सुबह 5.30 बजे से लेकर शाम के छह बजे तक उपचार किया जा रहा है। दिल्ली के युवा मुख्यमंत्री सुबह पांच बजे जागकर 30 मिनट तक टहलते हैं और ध्यान लगाते हैं, इसके बाद व्यायाम करते हैं। उपचार के क्रम में उन पर एक्यूपंक्चर, मिट्टीलेप व शिरोधारा (मस्तक पर तेल की धार) जैसी पद्धतियां अपनाई जा रही हैं। अधिकारियों ने कहा कि केजरीवाल दो कमरों, एक हॉल और एक उपचार कक्ष वाले आवास में रह रहे हैं। चिकित्सकों ने कहा कि उपचार का केजरीवाल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। उन्हें अब पहले जितनी तेज खांसी नहीं आती और उनका रक्त शर्करा स्तर भी नीचे आ गया है।
वह आहार के रूप में सब्जियां, फलों का रस, अंकुरित चना, उबली हुई सब्जियां, रोटी और सूप का सेवन करते हैं। वह सुबह आठ बजे जलपान करते हैं, उसके बाद 11.30 बजे दिन का भोजन करते हैं, शाम के 6.30 बजे ही उन्हें रात का खाना दिया जाता है और रात नौ बजे सो जाने के लिए कहा जाता है।
हाल ही में दिल्ली की सत्ता पर धमाकेदार वापसी करने वाले केजरीवाल 16 मार्च को दिल्ली लौटेंगे।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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