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मुख्य समाचार

केजरीवाल ने घूसखोर खाद्यमंत्री को किया बर्खास्त

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने खाद्य मंत्री असीम अहमद खान को एक बिल्डर से कथित तौर पर छह लाख रुपये रिश्वत मांगने के आरोपों में शुक्रवार को बर्खास्त कर दिया। केजरीवाल ने यहां अचानक बुलाए गए एक संवाददाता सम्मेलन में बर्खास्तगी की घोषणा की। इस मौके पर उन्होंने खान और बिल्डर और एक बिचौलिए के बीच हुई बातचीत का टेप भी बजाया।

केजरीवाल ने कहा कि वह भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने कहा, “हम कोई भी भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे, चाहे इसमें हमारा मंत्री या विधायक ही क्यों न शामिल हो।” केजरीवाल ने कहा, “मैं किसी भी मंत्री, विधायक, यहां तक कि अपने बेटे या मनीष को भी नहीं छोड़ूंगा। जो भी भ्रष्टाचार में लिप्त होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में मौजूद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से कहा कि यदि वह (केजरीवाल) स्वयं भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाएं तो उन्हें (मुख्यमंत्री) किसी भी हाल में न छोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमें यदि सबसे बड़ी कुर्बानी देनी पड़ी तो भी हम भ्रष्टाचार के साथ समझौता नहीं करेंगे। हम हर किसी पर नजर रखे हुए हैं।”

उन्होंने कहा कि मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा जा रहा है। बाद में केजरीवाल ले ट्वीट किया कि मामला जांच एजेंसी के पास भेज दिया गया। बर्खास्तगी के चंद घंटे बाद खान ने कहा कि वह चकित हैं। उन्होंने कहा कि संवाददाताओं से कहा, “मैं चकित हूं। मुझसे इस्तीफे के लिए कहा गया और मैंने इस्तीफा दे दिया। इसके पीछे कोई साजिश है। मैं इसे बेनकाब करूंगा।”

केजरीवाल ने यह घोषणा भी की कि पार्टी विधायक इमरान हुसैन खान की जगह लेंगे। केजरीवाल ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि आजतक इस तरह की कार्रवाई किसी ने की होगी। हमने ऐसा किया है। अब भाजपा को चाहिए कि वह शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे को बर्खास्त करे।” मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे क्रमश: व्यापमं घोटाले और पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी की मदद करने के मामले को लेकर विवादों में हैं।

केजरीवाल ने अपने संवादाता सम्मेलन की शुरुआत में कहा कि आप का जन्म भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से हुआ है। “हमें चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया गया.. जनता ने हमारी ईमानदार राजनीति और भ्रष्टाचार विरोधी हमारे रुख के कारण हम पर भरोसा किया।” केजरीवाल ने कहा, “हमने एक भ्रष्टाचारमुक्त भारत का सपना देखा था। और हमने कहा था कि हम किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार के साथ समझौता नहीं करेंगे।”

मीडिया को अभी भी भ्रम में रखते हुए केजरीवाल ने कहा कि हम एक ठोस कदम उठाने जा रहे हैं, और उसके बाद उन्होंने खान की बर्खास्तगी की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गुरुवार को उन्हें एक ऑडियो टेप दिया गया, जिसमें यह शिकायत साबित होती है कि मंत्री ने पुरानी दिल्ली के अपने विधानसभा क्षेत्र मटिया महल में अवैध निर्माण की अनुमति देने के लिए बिल्डर से छह लाख रुपये मांगे थे।

केजरीवाल ने कहा, “प्रथम दृष्टया यह गंभीर मामला लगता है.. हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते।” मीडिया को जारी आडियो टेप में खान को दूसरी तरफ के व्यक्ति से यह कहते सुना जा सकता है कि उन्हें देर हो गई, क्योंकि एक बैठक में वह चार घंटे फंसे रह गए। बातचीत हिंदी में थी। अज्ञात व्यक्ति को फोन पर यह कहते सुना जा सकता है, “मैं वास्तव में इस बात को लेकर चिंतित हूं कि इसे रखूं कहां।”

खान फिर उसे व्यक्ति से कहते हैं, “10-15 मिनट में मोती महल के सामने मिलो।” अज्ञात व्यक्ति पूछता है, “यह छह है, क्या मैं छह तारीख दे दूं।” खान जवाब देते हैं, “वहां इकबाल से मिलो और दे दो।” एक अन्य बातचीत में खान को धन के बारे में मोल-तोल करते सुना जा सकता है।

खान दूसरे ऐसे मंत्री हैं, जिन्हें अपमानित होकर आप सरकार से हटना पड़ा है। तत्कालीन कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को उनकी कथित फर्जी डिग्री के मामले में गिरफ्तारी के बाद जून में इस्तीफा देना पड़ा था। केजरीवाल ने कहा, “यदि हम अपने मंत्री को बर्खास्त कर सकते हैं, तो हम किसी के भी खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं।”

दिल्ली विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक मात्र विपक्षी दल है, जिसके पास 70 सदस्यीय विधानसभा में मात्र तीन विधायक हैं। जबकि आप के पास 67 विधायक हैं। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, “कभी केजरीवाल (दिल्ली के उपराज्यपाल) नजीब जंग के साथ लड़ते हैं, कभी प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) से, कभी (गृहमंत्री) राजनाथ सिंह से, और कभी अपनी पार्टी के लोगों से।”

उन्होंने कहा, “लड़ने की इस कहानी को उन्हीं के ऊपर छोड़ देना चाहिए।” कांग्रेस प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने कहा, “यह स्थिति तब है, जब दिल्ली में लोकपाल नहीं है। कल्पना कीजिए कि यदि कोई लोकपाल होता तो पूरा मंत्रिमंडल इस्तीफा दे चुका होता।” पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि केजरीवाल इसके जरिए प्रचार पाना चाहते हैं।

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प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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