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प्रादेशिक

केरल निकाय चुनाव : आखिरी चरण का मतदान गुरुवार को

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तिरुवनंतपुरम| केरल में जारी निकाय चुनाव के दूसरे और आखिरी चरण का मतदान गुरुवार को होगा और इसमें 1.4 करोड़ से अधिक मतदाता हिस्सा लेंगे। इस चुनाव में संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) और वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के बीच कड़ी प्रतिद्वंद्विता देखी जा रही है।

राज्य के 14 में से सात जिलों- कोट्टायम, पथनामथित्ता, अलप्पुझा, एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़ और मल्लपुरम में दूसरे चरण के लिए मतदान होगा और इस चुनाव से 12,651 सीटों के लिए लड़ रहे 40,000 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा।

निकाय चुनाव में दोनों चरणों के मतदान के बाद शनिवार को वोटों की गिनती होगी। दो नवंबर को हुए चुनाव में 1.01 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से 84 लाख ने मतदान किया था।

इस चुनाव में काग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ और वाम विपक्ष के बीच मुख्य प्रतिद्वंद्विता देखी जा रही है। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी दो परंपरागत प्रतिद्वंद्वीयों के बीच अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही है।

राज्य के साल 2010 के निकाय चुनाव में कई सालों में पहली बार यू़डीएफ 20,000 सीटों में 65 प्रतिशत से जीती थी।

ओमन चांडी के नेतृत्व वाली यूडीएफ सरकार का मानना है कि अगर स्थानीय निकायों के ऊपर सामान्य पकड़ बरकरार रखी गई, तो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए विजय पथ तैयार हो सकता है।

मार्क्‍सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ विधायक ए.के. बालन ने कहा, “स्थानीय चुनाव में वाम पार्टी बेहतरीन जीत की ओर बढ़ रही है।”

स्थानीय निकाय चुनाव में 500 सीटों पर चुनाव लड़ रही भाजपा को भी बेहतर परिणाम की उम्मीद है।

 

उत्तर प्रदेश

50 साल पुरानी मस्जिद को हटाने का आदेश, मस्जिद के मुतवल्ली पर 4.12 लाख रुपये का जुर्माना

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बागपत। बागपत के राजपुर खामपुर गांव में 50-60 साल पहले तालाब की जमीन पर बनी अवैध मस्जिद को हटाने का आदेश जारी हुआ है। तहसीलदार की अदालत में सुनवाई के बाद यह निर्णय लिया गया, जिसमें मस्जिद के मुतवल्ली पर 4.12 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

विवाद कैसे शुरू हुआ?

गांव के निवासी गुलशार ने जुलाई में हाईकोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने मुतवल्ली पर आरोप लगाया कि उन्होंने गांव के तालाब की जमीन पर अवैध रूप से मस्जिद का निर्माण किया है। गुलशार का कहना था कि तालाब की जमीन पर मस्जिद का निर्माण करके मुतवल्ली ने सरकारी संपत्ति का अतिक्रमण किया है, इसलिए इसे हटाया जाना चाहिए।

कोर्ट की सुनवाई और फैसला

हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्व संहिता के आधार पर कार्रवाई करने का आदेश दिया। आदेश में 90 दिन के अंदर मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद, डीएम के आदेश पर तहसीलदार ने मस्जिद की जमीन की माप कराई, जिसमें पाया गया कि मस्जिद वास्तव में तालाब की जमीन पर स्थित है।

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