बिजनेस
कैपइंडिया 2018 केमिकल्स, प्लास्टिक्स, शेलेक एक्सपो मार्च में
नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)| कैपइंडिया 2018 के तीसरे संस्करण का आयोजन मुंबई में 22 से 24 मार्च तक किया जाएगा। इसे संयुक्त रूप से चार उद्योग निर्यात प्रोत्साहन परिषदों द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिसमें रसायन और संबद्ध उत्पादों (केमेक्सिल और केपेक्सिल), प्लास्टिक्स (प्लेक्स परिषद) और शेलेक और वन उत्पाद (शेफाक्सिल) शामिल है। सरकार ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
वाणिज्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्यामलाल मिश्रा ने बताया कि इस एक्सपो में 700 से ज्यादा प्रदर्शक रसायनों, प्लास्टिक्स, प्लास्टिक्स मशीनरीज, उपभोक्ता वस्तुएं, शैलेक और वन वस्तुएं तथा निर्माण और खनन सामग्रियों का प्रदर्शन करेंगे।
मिश्रा ने कहा कि गुजरात सरकार भागीदार राज्य और प्रायोजक है। इस एक्सपो का आयोजन विदेशी ग्राहकों तक पहुंचने के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, इन उद्योगों में भारत का निर्यात पिछले साल 36 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो 10 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रहा है, लेकिन यह अनुमानित वैश्विक क्षमता 2,000 करोड़ डॉलर का महज 2 फीसदी है.. इसलिए इसमें विस्तार करने की काफी संभावनाएं हैं।
अधिकारी ने यह उल्लेख करते हुए कहा कि भारत दुनिया में पॉलीमर के शीर्ष पांच उपभोक्ताओं में से एक है। अधिकारी ने कहा कि भारतीय रसायन बाजार दुनिया में 7वां सबसे बड़ा है।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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