बिजनेस
कॉरपोरेट जासूसी : जमानत याचिका पर 27 को सुनवाई
नई दिल्ली, 24 अप्रैल (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने शुक्रवार को कॉरपोरेट जासूसी मामले में पांच कॉरपोरेट कर्मचारियों की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 27 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की। दिल्ली की अदालतों में वकीलों की हड़ताल के कारण अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राज कपूर ने मामले की सुनवाई सोमवार तक के लिए मुल्तवी कर दी।
इन पांच कॉरपोरेट कार्यकारियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के कॉरपोरेट मामलों के प्रबंधक शैलेश सक्सेना, जुबिलंट एनर्जी के वरिष्ठ अधिकारी सुभाष चंद्रा, एस्सार के उप महाप्रबंधक विनय कुमार, रिलायंस एडीएजी के उप महाप्रबंधक ऋषि आनंद तथा केर्न्स इंडिया के महाप्रबंधक के.के.नायक शामिल हैं।
अदालत ने रक्षा मंत्रालय में कर्मचारी वीरेंद्र कुमार की जमानत पर सुनवाई शनिवार को मुकर्रर की थी।
एक वेब पोर्टल चलाने वाले पूर्व पत्रकार शांतनु सैकिया व मेलबॉर्न के ऊर्जा परामर्शदाता प्रयास जैन के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने 18 अप्रैल को मामले में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।
अन्य आरोपियों में दिल्ली के निवासी दो भाई -लालता प्रसाद व राकेश कुमार, गाजियाबाद के राजकुमार चौबे, सरकारी कर्मचारी आशाराम व ईश्वर सिंह शामिल हैं।
पुलिस ने औपचारिक तौर पर 13 आरोपियों को धोखाधड़ी, जालसाजी, चोरी तथा आपराधिक षडयंत्र से संबंधित विभिन्न धाराओं के तहत आरोपित किया है।
सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों के खिलाफ सरकारी गोपनीयता अधिनियम के कड़े प्रावधान नहीं लगाए गए हैं, लेकिन आगे जांच जारी है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस ने बीते 17 फरवरी को विभिन्न मंत्रालयों से गोपनीय दस्तावेजों की लीक के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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