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कोलंबो टेस्ट : लंका फतेह के लिए भारत को चाहिए आठ विकेट

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कोलंबो। भारत के खिलाफ पी. सारा ओवल मैदान पर जारी दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन रविवार को श्रीलंकाई टीम ने चौथी पारी में मिले 413 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए दो विकेट पर 72 रन बना लिए हैं। टेस्ट के आखिरी दिन उन्हें जीत के लिए अभी भी 341 रनों की जरूरत है, जबकि उनके आठ विकेट शेष रह गए हैं।

दिन का खेल खत्म होने तक कप्तान एंजेलो मैथ्यूज 23 और दिमुथ करुणारत्ने 25 रन बनाकर नाबाद लौटे। दोनों बल्लेबाजों ने तीसरे विकेट के लिए 39 रनों की साझेदारी कर ली है। श्रीलंका के दोनो विकेट रविचंद्रन अश्विन ने चटकाए। कौशल सिल्वा (1) आठ रन के कुल योग पर स्टुअर्ट बिन्नी को कैच थमा बैठे। करियर की आखिरी पारी में श्रीलंका के दिग्गज बल्लेबाज कुमार संगकारा (25) अपनी विदाई को यादगार नहीं बना सके और मुरल विजय के हाथों लपके गए। इससे पहले, संगकारा जब अपनी विदाई पारी खेलने उतरे तो भारतीय खिलाड़ियों ने उन्हें गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया।

इससे पहले भारतीय क्रिकेट टीम ने आठ विकेट पर 325 के स्कोर पर अपनी दूसरी पारी घोषित कर दी और श्रीलंका के सामने चौथी पारी में 413 रनों का लक्ष्य रखा। भारत के लिए दूसरी पारी में अजिंक्य रहाणे (126) ने शतकीय पारी खेली, जबकि मुरली विजय (82) ने भी अहम योगदान दिया। शनिवार को नाबाद लौटे रहाणे और मुरली ने रविवार को सधे अंदाज में पारी को आगे बढ़ाना शुरू किया और दूसरे विकेट के लिए 140 रनों की मजबूत साझेदारी कर डाली।

थारिंदू कौशल ने मुरली को पगबाधा कर इस साझेदारी पर विराम लगाई। मुरली ने 133 गेंदों पर चार चौके और दो छक्के लगाए। रहाणे हालांकि एक छोर संभालकर खड़े रहे और कप्तान विराट कोहली (10) के साथ 28 रनों की और रोहित शर्मा (34) के साथ 85 रनों की साझेदारियां कीं। रविवार को भारतीय टीम ने पहले सत्र में मुरली और कोहली के दो विकेट गंवाए। पहली पारी में 79 रनों की उम्दा पारी खेलने वाले रोहित लंबी साझेदारी की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन दूसरा सत्र लगभग पूरा बिताने के बाद आखिर में वह कौशल की गेंद जेहान मुबारक की ओर उछाल बैठे।

इसके बाद भारत के तीन विकेट जल्दी-जल्दी गिर गए। रहाणे करियर का चौथा शतक लगाने के बाद कौशल के चौथे शिकार हुए। रहाणे ने 243 गेंदों की अपने धैर्यभरी पारी में 10 चौके लगाए। करियर का सातवां मैच खेल रहे तथा पहली पारी में 56 रनों की पारी खेलने वाले रिद्धिमान साहा 13 रन बनाकर नाबाद रहे। दूसरी पारी में श्रीलंका के लिए कौशल के अलावा धम्मिका प्रसाद ने भी चार विकेट चटकाए। कौशल पहली पारी में एक भी विकेट नहीं ले पाए थे, जबकि प्रसाद को दो विकेट मिले थे। पहली पारी में रंगना हेराथ ने सर्वाधिक चार विकेट चटकाए थे।

भारत ने पहली पारी में लोकेश राहुल (108), कोहली (78), रोहित और साहा की अर्धशतकीय पारियों की बदौलत 393 रन बनाए थे, जिसके जवाब में श्रीलंका की पहली पारी 306 रनों पर सिमट गई थी। श्रीलंका के लिए पहली पारी में कप्तान एंजेलो मैथ्यूज (102) ने शतकीय योगदान दिया था, जबकि कौशल सिल्वा (51) और लाहिरू थिरिमान्ने (62) ने अर्धशतक लगाए। श्रीलंका की पारी समेटने में चार विकेट लेकर अमित मिश्रा ने अहम योगदान दिया था। मिश्रा के अलावा इशांत शर्मा और रविचंद्रन अश्विन ने दो-दो विकेट हासिल किए थे। तीन मैचों की श्रृंखला में पहला टेस्ट जीतकर श्रीलंका 1-0 से बढ़त ले चुका है।

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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