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कोहरे से लड़ेगा रेलवे, नहीं लेट होगी अब आपकी ट्रेन

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नई दिल्ली| एक बार फिर से कोहरे का मौसम आ गया है, जिससे रेल सेवाएं हर साल की तरह इस साल भी देरी से चल रही हैं और यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। रेलवे की कोहरे से निपटने की तैयारियां अभी भी नाकाफी हैं। उत्तर की तरफ जानेवाली ट्रेनों में एलईडी फॉग लाइटों और अन्य तकनीकों का प्रयोग करने की चर्चा हुई थी, लेकिन अभी भी यह परीक्षण के चरण में ही है।

कोहरे के कारण दृश्यता प्रभावित होने से उत्तर की तरफ जानेवाली सभी ट्रेनें घंटों की देरी से चल रही है, जिससे रेलवे का भीड़भाड़ वाला पूरा नेटवर्क प्रभावित होता है और सभी ट्रेनों पर असर पड़ता है। घने कोहरे के कारण सुरक्षा की दृष्टि से ड्राइवर रफ्तार घटाकर 15 किलोमीटर प्रति घंटा तक ले आते हैं, जिसके कारण ट्रेनें 4 घंटों से लेकर 22 घंटों की देरी से चल रही हैं।

हर साल होने वाली इस बाधा से लड़ने के लिए रेलवे ने कई तकनीकी कदम उठाएं हैं। इसके तहत ट्रेन प्रोटेक्शन वार्निग सिस्टम (टीपीडब्ल्यूएस), ट्रेन कोलिजन एवायडेंस सिस्टम (टीसीएएस) और टैरिन इमेजिंग फॉर डीजल ड्राइवर्स (ट्राई-एनईटीआरए) सिस्टम के साथ ही नवीनत एलईडी फॉग लाइट्स लगाने की तैयारियां चल रही हैं, ताकि दृश्यता में सुधार हो।

लेकिन इन सब तकनीकों का अभी भी परीक्षण ही चल रहा है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी जो प्रेस से बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं, ने आईएएनएस को बताया, “कोहरे के कारण ड्राइवर को सिग्नल ठीक से दिखता नहीं है, इसलिए दुर्घटना का खतरा रहता है। इसलिए वे रफ्तार काफी कम रखते हैं।”

टीपीडब्ल्यूएस प्रणाली अभी केवल 35 इंजनों में लगी है, जो ड्राइवर को घने कोहरे या बारिश में भी सिग्नल देखने की सुविधा देती है। इसे चेन्नई और कोलकाता मेट्रो के उपनगरीय नेटवर्क में लगाया गया है। वहीं, टीसीएएस सिस्टम में ड्राइवर को आरएफआईडी टैग के माध्यम से केबिन में ही सिग्नल दिखता है। लेकिन ये सभी प्रणालियां अभी पायलट चरण में ही हैं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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