Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

खतरे मे आदर्श कारागार की कैदी पुनर्वास योजनायें

Published

on

आदर्श कारागार की कैदी पुनर्वास योजनायें, महानिरीक्षक कारागार की मनमानी वसूली, सम्पूर्णानन्द संस्थान

Loading

मुखिया को देने के लिये कैदियों से वसूली कर रहा जेल प्रशासन
खाना बनाने से लेकर बस के डीजल व मेन्टीनेन्स का खर्चा दे रहे कैदी                   
राकेश यादव
लखनऊ। महानिरीक्षक कारागार की मनमानी वसूली से आदर्श कारागार के कैदियों की पुनर्वास योजनायें पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गई है। आजीवन कारागार की सजा काट रहे इन कैदियों को जेल मे भोजन बनाने से लेकर योजना के लिये गंतव्य तक जाने तक का किराया वसूल किया जा रहा है। यही नही योजना के तहत व्यवसाय करने वाले इन कैदियों से रात मे पहरा तक लगवाया जा रहा है। कारागार प्रशासन की तानाशाही से कैदियों मे खासा आक्रोश व्याप्त है। मामला विभाग के मुखिया से जुड़ा होने की वजह से आक्रोशित कैदियों ने चुप्पी साध रखी है।
आदर्श कारागार प्रदेश की एक मात्र ऐसी जेल है जहां सिर्फ अच्छे आचरण के सजायाफ्ता कैदियों को रखा जाता है। इस जेल मे कैदियों के लिये पुनर्वास की तमाम योजनायें चलाई जा रही है। इसके तहत जेल के कैदी जेल के आस पास पान बीड़ी, सिगरेट, चाय का होटल, साइकिल स्टैंड, साइकिल रिपेरिंग आदि की दुकान लगाकार व्यवसाय करते है।

इसके अलावा यह कैदी भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में मजदूरी करने जाते है। सम्पूर्णानन्द संस्थान के आस पास भी ट्रेनिंग आदि का व्यवसाय करते है। मिली जानकारी के मुताबिक आदर्श कारागार के लिये प्रदेश के विभिन्न केन्द्रीय कारागारों से कैदियों को चयनित कर के लाया जाता है। इस कारागार मे अच्छे आचरण एवं फर्स्टन अफेंडर कैदी ही चयनित कर यहां लाये जाते है करीब डेढ़ वर्ष तक कडे परीक्षण के बाद इन कैदियों को जेल के बाहर व्यवसाय करने के लिये निकाला जाता है। गलती होने पर इन कैदियों पर सजा के तौर पर चयनित की गयी जेल मे वापस कर दिया जाता है। सूत्रों का कहना है कि वर्तमान समय मे विभाग के मुखिया की मनमानी वसूली इन कैदियों के लिये मुसीबत बन गई है। कैदियों का अरोप है कि जेल के अधिकारियों द्वारा उच्च अधिकारियों तक रकम पहुचाने के लिये हमारा शोषण किया जा रहा है।

इनका कहना है कि जेल प्रशासन के अधिकारी उनके लिये पाकशाला मे बनने वाले भोजन का मेहनताना तो हमसे लेते ही है  इसके अलावा व्यवसाय के लिये जेल से दूर दराज क्षेत्रों मे जाकर मजदूरी आदि करने वाले कैदियों से सरकारी बस मे लगने वाले डीजल एवं बस के खराब हो जाने से बनवाने तक का खर्चा भी उन्ही से लिया जाता है। यहीं नही कारागार की गौशाला में उत्पादित होने वाले दूध का वितरण भी कैदियों से मुफ्त मे कराया जाता है। विभाग के मुखिया प्रशिक्षण संस्थान परिसर मे किक्रेट खेलने आते है इस खेल के दौरान खिलाडियों के पीने के पानी से लेकर नाश्तस तक के प्रबन्ध की जिम्मेदारी भी आदर्श कारागार को दी गई है। इस अनाप सनाप खर्च को पूरा करने के लिये कारागार के प्रशासन के अधिकारी कैदियों का शोषण करने मे जुटे हुए है। कैदियों की माने तो इस अनाप सनाप वसूली को रोकने के लिये उन्होने कई बार जेल प्रशासन के अधिकारियों से कई बार शिकायत भी की लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नही है। उधर आईजी जेल देवेन्द्र सिंह चौ हान से सम्पर्क करने का काफी प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन तक नही उठाया। जेल मंत्री बलराम यादव ने कहा जांच कराई जायेंगी।

Continue Reading

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

Published

on

Loading

नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

Continue Reading

Trending