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बिजनेस

खाड़ी देशों को बढ़ सकता है चावल का निर्यात : टीपीसीआई

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नई दिल्ली, 20 जनवरी (आईएएनएस)। ट्रेड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (टीपीसीआई) ने कहा कि आने वाले दिनों में खाड़ी देशों में भारत से चावल का निर्यात बढ़ सकता है। भारत फिलहाल ओमान को 20,000 टन चावल निर्यात करता है जो कि वर्ष 2018 में भारत की लंबी छलांग लगाने वाली है। यह आंकड़ा 50,000 टन तक पहुंचने वाला है।

वाणिज्य मंत्रालय और टीपीसीआई की ओर से ग्रेटर नोएडा में आयोजित दो दिवसीय ‘इंडस फूड समिट’ के समापन पर शुक्रवार को भारतीय कारोबारियों ने खाड़ी देशों के अपने समकक्षों के साथ चावल के कई बड़े सौदे किए। यह जानकारी टीपीसीआई के चेयरमैन मोहित सिंगला ने दी।

उन्होंने बताया, भारतीय निर्यातकों ने खाड़ी देशों के साथ चावल निर्यात के बड़े सौदों पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन से खाड़ी के देशों से इराक, ओमान, कतर और सऊदी अरब में आने वाले समय में बासमती और गैर-बासमती चावल की मांग बढ़ सकती है।

सिंगला ने बताया कि इन दो दिनों में भारतीय निर्यातकों को विदेशी कंपनियों से खाद्य पदार्थो के 50 करोड़ डॉलर के ऑर्डर मिले हैं। जबकि आने वाले समय में यह आंकड़ा दो अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।

सिंगला के मुताबिक, ओमान के संघीय लोक खाद्य रिजर्व को पाकिस्तान 1.8 लाख टन चावल का निर्यात करता है। वहीं भारत सिर्फ 20,000 टन चावल ही ओमान को बेचता है। लेकिन वर्ष 2018 में भारत की लंबी छलांग लगाने वाली है। यह आंकड़ा 50,000 टन तक पहुंचने वाला है। ओमान की लोक खाद्य स्टॉकहोल्डिंग कंपनी ने भारत से बासमती चावल खरीदने का निश्चय किया है। इसके तहत उसने अपने टेंडर सूची में भारत में विकसित 1121 प्रीमियम बासमती वरायटी को स्वीकृति दी है।

इंडस फूड सम्मिट में 43 देशों की 408 कंपनियों ने हिस्सा लिया। देश के 12 राज्यों से यहां कारोबारी पहुंचे। वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस मौके पर प्रभु ने कहा कि वह इसे विश्व स्तरीय फूड एंड वेबरेजेस समिट बनाना चाहते हैं।

उन्होंने बताया कि इंडस फूड ने भारतीय चाय उद्योग को भी नए बाजार तलाश करने में मदद की है। इसका एक उदाहरण यह है कि भारतीय टी एसोसिएशन ने मलेशिया के अपने समकक्ष के साथ एक आपसी समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए। मलेशिया में चीन की चाय ज्यादा बिकती है, लेकिन आने वाले समय में भारतीय चाय उसे चुनौती देगी। पहली बार इराक और सीरिया में भी भारतीय चाय की सप्लाई शुरू होने की उम्मीद है।

सिंगला ने बताया कि रूस के ताजा फल सप्लायर ग्लोबल ग्रुप अब यहां से अंगूर, सफेद कॉर्न, अनार और प्याज खरीदेगा। मध्य पूर्व का प्रमुख रिटेल चेन पांडा ने भी अपनी लागत और खरीद मूल्य को नियंत्रित करने के लिए भारत से कई उत्पाद खरीदने का निश्चय किया है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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