Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

खादी उद्योग के कैलेंडर व डायरी से गांधीजी ‘रिटायर’, मोदी की धमाकेदार एंट्री

Published

on

Loading

Modi in khadi calendar newमुंबई। एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के 2017 के कैलेंडर और डायरी से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी गायब हो गए हैं और उनकी जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ले ली है।

आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि कैलेंडर और डायरी के कवर फोटो को देखकर केवीआईसी के अधिकांश कर्मचारियों और अधिकारियों को झटका लगा। इसमें मोदी को एक बड़े से चरखे पर उसी मुद्रा में खादी बुनते देखा जा सकता है जो कभी गांधीजी की चिर-परिचित मुद्रा हुआ करती थी।

दोनों तस्वीरों में थोड़ा फर्क है। लोगों के दिलो-दिमाग में बसी खादी बुनते हुए गांधीजी की ऐतिहासिक तस्वीर का चरखा सामान्य सा दिखता है। इसी के पास बैठकर गांधीजी अपने आधे खुले, आधे बंद शरीर के साथ चरखा चलाते देखे जा सकते हैं। मोदी का चरखा, गांधीजी वाले चरखे के मुकाबले में थोड़ा आधुनिक है और खुद मोदी अपने लकदक कुर्ता-पायजामा और सदरी में नजर आ रहे हैं।

केवीआईसी के कर्मचारी हालात की इस नई तस्वीर से हतप्रभ हैं। सरकारी कर्मचारी होने की वजह से खुलकर उन्होंने कुछ नहीं कहा लेकिन आज (गुरुवार को) भोजनावकाश के समय उन्होंने कुछ खाया-पिया नहीं। खामोशी से अपना विरोध जताने के लिए वे विले पार्ले स्थित आयोग के मुख्यालय में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास मुंह पर काली पट्टी बांधकर आधे घंटे तक बैठे रहे।

केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना से इस बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह कोई ‘असामान्य बात’ नहीं है। अतीत में भी ऐसे बदलाव हो चुके हैं।

सक्सेना ने आईएएनएस से कहा, “पूरा खादी उद्योग ही गांधीजी के दर्शन, विचार और आदर्श पर आधारित है। वह केवीआईसी की आत्मा हैं। उनकी अनदेखी करने का तो सवाल ही नहीं उठता।”

उन्होंने जोड़ा कि नरेंद्र मोदी लंबे समय से खादी पहन रहे हैं। उन्होंने खादी को आम लोगों ही नहीं, विदेशी हस्तियों के बीच भी लोकप्रिय किया है। उन्होंने खादी को पहनने की अपनी अलग स्टाइल विकसित की है।

सक्सेना ने कहा, “सच यह है कि वह (नरेंद्र मोदी) खादी के सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर हैं। उनकी सोच केवीआईसी की सोच से मिलती है। यह सोच ‘मेक इन इंडिया’ के जरिए गांवों को आत्मनिर्भर बनाने, कौशल विकास के जरिए ग्रामीण आबादी को रोजगार मुहैया कराने, खादी बुनने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने, नई खोज करने और इसे बेचने की है। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री युवाओं की प्रेरणा भी हैं।”

कार्रवाई के डर से नाम न छापने के आग्रह के साथ केवीआईसी के एक वरिष्ठ कर्मी ने कहा, “हम सरकार द्वारा सुनियोजित तरीके से महात्मा गांधी के विचारों, दर्शन और आदर्शो से मुक्ति पाने की कोशिशों से दुखी हैं। बीते साल, पहली कोशिश प्रधानमंत्री के फोटो को कैलेंडर में शामिल कर की गई थी।”

2016 में केवीआईसी के कर्मचारी संघ ने कैलेंडर मामले को प्रबंधन के समक्ष सख्ती से उठाया था और तब उनसे वादा किया गया था कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा।

कर्मचारी ने कहा, “लेकिन, इस साल तो सबकुछ साफ ही हो गया। तस्वीरें भी और गांधीजी की शिक्षाएं भी; जिन्होंने आजादी की लड़ाई के दौरान खादी को आम गरीब अवाम के लिए स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनाया था। इस बार कैलेंडर और डायरी से गांधीजी गायब ही कर दिए गए।”

उत्तर प्रदेश

सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर रोक के फैसले का मौलाना अरशद मदनी ने किया स्वागत

Published

on

Loading

नई दिल्ली। बुलडोजर एक्शन को लेकर सुप्रीम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कानूनी प्रक्रिया अपनाए बिना बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने यह भी बताया है कि अगर कोई अनधिकृत निर्माण किया गया है तो ऐसे केस में यह फैसला लागू नहीं होगा। कोर्ट ने कहा, घर बनाना संवैधानिक अधिकार है। राइट टू शेल्टर मौलिक अधिकार है।

मौलाना अरशद मदनी ने किया फैसले का स्वागत

कोर्ट के इस फैसले का जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने स्वागत किया है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा, कोर्ट ने बिल्कुल सही स्टैंड अपनाया है। यह जमीयत उलेमा हिंद की बड़ी उपलब्धि है। हम मुबारकबाद देते हैं उन जजों को जिन्होंने लोगों की दिल की बात को सुना है, उनकी परेशानियां अपनी परेशानी समझी है। खुदा करें हमारे देश में इसी तरह गरीबों को सही हक देने के फैसले होते रहे। हम तो यह समझते हैं कि फैसला बहुत अच्छा आया है।

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि, “कोई चीज वैध हो या अवैध “इसका फैसला न्यायपालिका करेगी। यहां फैसला आज सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनाया है। मौलाना अरशद मदनी ने गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला का स्वागत करते हुए कहा कि उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों से बुलडोजर कार्रवाई पर लगाम लगेगी।

बता दें कि इससे पहले इसी मामले पर समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने बयान देते हुए कहा था कि बुलडोजर कार्रवाई करने वाले आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का जानी चाहिए।

 

Continue Reading

Trending