मुख्य समाचार
खिलाड़ी आक्रामक क्रिकेट खेलेंगे : लेहमन
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मेलबर्न | अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा हाल में मैदान पर खिलाड़ियों द्वारा प्रतिद्वंद्वी टीम पर अत्यधिक छींटाकशी करने और वाकयुद्ध पर कड़ी कार्रवाई करने किए जाने की चेतावनी दिए जाने के बावजूद आस्ट्रेलिया के क्रिकेट कोच डारेन लेहमन ने कहा कि वह अपने खिलाड़ियों को अपनी शैली में खेलने से नहीं रोकेंगे। आईसीसी ने हाल ही में कहा था कि विश्व कप 2015 के दौरान उन खिलाड़ियों पर उसकी विशेष नजर होगी जो लगातार चेतावनी के बावजूद मैदान पर छींटाकशी आदि में लगे रहते हैं।
गौरतलब है कि इन खिलाड़ियों में एक चर्चित नाम आस्ट्रेलिया के डेविड वार्नर का भी है। क्रिकेट आस्ट्रेलिया की वेबसाइट के अनुसार लेहमन ने कहा, हम अपने खिलाड़ियों को अपनी शैली में खेलना जारी रखने के लिए कहेंगे। लेहमन के अनुसार, खिलाड़ी आक्रामक क्रिकेट खेलेंगे लेकिन यह ध्यान भी रहेगा वह कोई सीमा पार नहीं करें। लेहमन पहले भी कह चुके है कि अगर कोई खिलाड़ी अपनी सीमा पार करता है तो इससे निपटने का काम अधिकारियों का है। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही न्यूजीलैंड के अंपायर बिली बॉडेन ने भी कहा था अगर थोड़ी बहुत छींटाकशी होती है तो यह बुरा नहीं है लेकिन खेल, प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों और अंपायरों का सम्मान किया जाना चाहिए।
उत्तर प्रदेश
कौन है भोले बाबा, जिनके सत्संग में मची भगदड़ में गई सैकड़ों जानें
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में बाबा भोले के सत्संग में मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या 121 तक पहुंच गई है। जबकि 200 से ज्यादा घायल हैं। मृतकों में अभी कईयों की पहचान नहीं हो पाई है। इसके लिए प्रशासन की ओर मृतकों की सूची जारी की गई है। इस बीच एक सवाल उठने लगा है कि आखिर वह भोले बाबा कौन है, जिनका सत्संग सुनने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थें।भोले बाबा के नाम से विख्यात बाबा पश्चिमी यूपी में काफी लोकप्रिय हैं। इनका सत्संग सुनने के लिए आसपास के राज्यों से भी लोग आते हैं और लाखों की संख्या में उनके अनुयायी हैं।
भोले बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के एटा जिले में हुआ था। पटियाली तहसील में गांव बहादुर में जन्मे भोले बाबा खुद को गुप्तचर यानी इंटेलीजेंस ब्यूरो का पूर्व कर्मचारी बताते हैं। उनका दावा है कि 26 साल पहले सरकारी नौकरी छोड़ धार्मिक प्रवचन करने लगे। उनका दावा है कि 18 साल की नौकरी से VRS लेने के बाद भगवान से साक्षात्कार हुआ। नौकरी से त्यागपत्र देकर सूरज पाल साकार विश्व हरि भोले बाबा बन गए। पटियाली में अपना आश्रम बनाया। गरीब और वंचित समाज में तेजी से प्रभाव बनाने वाले भोले बाबा के अनुयायियों की संख्या लाखों में है। बताया जाता है कि कई IAS-IPS भी उनके भक्त हैं। उनके सत्संग नें बड़े नेता और अधिकारी भी पहुंचते हैं। भोले बाबा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली समेत देशभर में लाखों अनुयायी हैं।
आपको बता दें कि भोले बाबा अन्य लोगों की तरह भगवाधारी ना होकर सफेद सूट और सफेद जूता पहनते हैं। इसके उलट बाबा के सेवादार काले कपड़ों में दिखाई देते हैं। ये सेवादार प्रत्येक मंगलवार को होने वाले कार्यक्रम की पूरी जिम्मेदारी जैसे भोजन, पानी और ट्रैफिक संभालते हैं। बाबा की खासियत है कि भले ही उनके सोशल मीडिया पर ढेरों फालोवर ना हों लेकिन जमीनी स्तर पर बाबा के लाखों भक्त हैं।
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