साइंस
खुदकुशी से बचाने वाला एप
न्यूयार्क | आप भले मान रहे हों कि मोबाइल, इंटरनेट जैसी दिन-ब-दिन बढ़ रही प्रौद्योगिकी तनाव की मुख्य वजह है, जो कई बार आत्महत्या तक का कारण बन जाती है, लेकिन मोबाइल का एक नया एप ऐसा आया है जो खुदकुशी के बारे में सोच रहे लोगों को खुदकुशी से रोकने में मददगार साबित हो सकता है। एक मीडिया रपट के अनुसार, ब्रूम होप नामक यह एप खुदकुशी जैसी मानसिकता की ओर झुक रहे लक्षणों के बारे में सूचित करता है और इसके बाद एप व्यक्ति के साथ बातचीत शुरू कर देता है।
पूरी तरह निशुल्क इस एप को हाल ही में अमेरिकी शहर ब्रूम काउंटी के कार्यकारी डेबी प्रीस्टन ने लांच किया। प्रीस्टन ने एप लांच करते हुए कहा, “कई बार हम आत्महत्या के बारे में बातचीत नहीं करते। लेकिन कुछ लोगों के साथ बातचीत करने की जरूरत होती है, क्योंकि उन्हें मदद चाहिए होता है।” आत्महत्या रोकथाम के लिए अमेरिकी फाउंडेशन के अनुसार, कोई व्यक्ति यदि ऐसी बातें कर रहा हो कि उसे जीने की कोई इच्छा नहीं है या कोई कारण नहीं है या उसका जीवन चारों ओर से घिर गया है तो यह आत्महत्या की ओर बढ़ रही मानसिकता का लक्षण है।
इसके अलावा परिवार और मित्रों से अलग-थलग अकेले रहना, तनावग्रस्तता, अधीरता और मूल्यवान चीजें देना इत्यादि भी खुदकुशी की मानसिकता के लक्षण हैं। इस एप में हर वर्ग जैसे वयस्क, किशोर, युवा और वृद्ध से जुड़ी सूचनाएं हैं। यह एप पूरी तरह मुफ्त है तथा एंड्रायड और आईफोन पर उपलब्ध है।
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फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन, जानें कुछ उनके बारे में
नई दिल्ली। इंडियन न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक और फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन है। जे. भाभा, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के फाउंडिंग डायरेक्टर और फिजिक्स के प्रोफेसर भी थे। होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 में एक अमीर पारसी परिवार में हुआ था। होमी जहांगीर भाभा के पिता का नाम जहांगीर होर्मुस्जी भाभा और माता का नाम मेहरबाई भाभा था, इनके पिता एक जाने-माने वकील थे जबकि माँ एक गृहिणी थीं।
होमी भाभा ने 16 साल की आयु में ही सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा पास कर ली थी। फिर वे गोनविले और कैयस कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए कैम्ब्रिज गए। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज में कैवेंडिश लैब में रिसर्च करना शुरू किया और उनका पहला रिसर्च पेपर 1933 में प्रकाशित हुआ। दो साल बाद, उन्होंने अपनी पीएचडी हासिल की और 1939 तक कैम्ब्रिज में रहे।होमी भाभा ने छात्र के रूप में कोपेनहेगन में नोबेल पुरस्कार विजेता नील्स बोहर के साथ काम किया और क्वांटम सिद्धांत के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।
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