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मनोरंजन

खुलकर बोलने के लिए महिलाओं को कानून प्रणाली पर भरोसा नहीं : निमरत कौर

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नई दिल्ली, 21 जनवरी (आईएएनएस)| हॉलीवुड अभिनेत्रियों की तरह बॉलीवुड की अभिनेत्रियां अपना शोषण करने वालों का नाम खुलकर क्यों नहीं लेतीं और उन्हें शर्म क्यों नहीं महसूस करातीं? अभिनेत्री निमरत कौर का कहना है कि इससे पहले कि इस बारे में महिलाओं पर सवाल खड़े करने से पहले कानून व्यवस्था को निर्विवाद रूप से काम करना चाहिए और पीड़ितों को समर्थन देकर उनमें निडर बनने का आत्मविश्वास जगाना चाहिए।

हॉलीवुड निर्माता हार्वे वींस्टीन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद कई हॉलीवुड अभिनेत्रियों ने अपने साथ हुए यौन दुर्व्यवहार के बारे में खुलकर बात की, लेकिन बॉलीवुड में स्थिति इसके उलट रही।

यह पूछे जाने पर कि बॉलीवुड में किसी यौन उत्पीड़न करने वाले का नाम क्यों नहीं लिया गया तो निमरत ने मुंबई से रिकॉर्डेड बातचीत में आईएएनएस को बताया, भारत में कामकाजी माहौल में महिलाओं के सामने आकर बोलने के लिए कानून प्रणाली निर्विवाद होनी चाहिए और इसे कहीं भी किसी भी पीड़ित, जो किसी भी प्रकार के उत्पीड़न से गुजरी हो, उसको सहयोग देने और उसके अंदर निडरता की भावना कायम करने में सक्षम होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न के मामले को किसी महिला से पूछताछ से पहले गहराई से देखा जाना चाहिए कि आखिर महिलाएं क्यों अपने प्रति किए गए अपराधों के बारे में बताने के लिए सामने नहीं आती हैं?

निमरत ने कहा, एक समाज के रूप में हमें मजबूत और अधिक दृढ़ बनने और महिलाओं में निर्भयता की भावना जगाने की जरूरत है।

अभिनेत्री ने कहा कि शर्मिदगी के चलते महिलाएं इसके खिलाफ नहीं बोलती हैं। ऐसी कई धारणाएं जैसे परिवार को शर्मिदगी का सामना करना पड़ सकता है और बदनामी के चलते पीड़िताएं अपनी बात नहीं कह पाती हैं।

उन्होंने कहा, आधे से ज्यादा मामलों में महिलाएं इसलिए नहीं सामने आती क्योंकि उन्हें जो कानूनी सहारा मिलता है, उस पर उन्हें भरोसा नहीं होता।

फिल्म ‘एयरलिफ्ट’ की अभिनेत्री ने कहा कि महिलाओं के सामने आकर बोलने के लिए जमीनी स्तर पर मानसिकता में बदलाव लाना होगा।

निमरत (35) ने कहा कि महिलाओं के अंदर प्रणाली, सरकार और कानूनी दृष्टिकोण को लेकर भरोसा व आत्मविश्वास जगाना होगा।

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उत्तर प्रदेश

डेकोरेटिव लाइट्स से महाकुंभ बनेगा भव्यता का प्रतीक

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए योगी सरकार अनेक अभिनव प्रयास कर रही है। इसी क्रम में पूरे मेला क्षेत्र को डेकोरेटिव लाइट्स से सजाया जा रहा है। 8 करोड़ की लागत से उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि. की ओर से पूरे मेला क्षेत्र में 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल का जाल बिछाया जा रहा है। संगम जाने वाली हर प्रमुख सड़क पर यह अलौकिक पोल और लाइट श्रद्धालुओं का स्वागत करती नजर आएगी। योगी सरकार का यह प्रयास न केवल श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव देगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और आधुनिकता का अद्भुत संगम भी प्रस्तुत करेगा।

प्रमुख मार्गों पर अनूठी रोशनी का जादू

अधीक्षण अभियंता महाकुंभ मनोज गुप्ता ने बताया कि सीएम योगी की।मंशा के अनुरूप महाकुंभ को भव्य रूप देने के लिए विद्युत विभाग बड़े पैमाने पर कार्य कर रहा है। डेकोरेटिव लाइट्स और डिजाइनर पोल्स उसी का हिस्सा है। मेला क्षेत्र में लाल सड़क, काली सड़क, त्रिवेणी सड़क और परेड के सभी मुख्य मार्गों को आकर्षक डेकोरेटिव लाइट्स से रोशन किया जा रहा है। ये लाइट्स भगवान शंकर, गणेश और विष्णु को समर्पित हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और सौंदर्य का अनुभव कराएंगी।

8 करोड़ की भव्य परियोजना

अधिशाषी अभियंता अनूप सिंह ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में 8 करोड़ से ज्यादा की लागत से 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल लगाए जा रहे हैं। इस बार टेंपरेरी की बजाय स्थायी पोल्स का निर्माण किया गया है, जो महाकुंभ के बाद भी क्षेत्र की रौनक बनाए रखेंगे। हर पोल को कलश और देवी-देवताओं की आकृतियों से सजाया गया है, जो मेले के वातावरण को सांस्कृतिक वैभव से भर देंगे। 15 दिसंबर तक सभी डेकोरेटिव लाइट्स का कार्य संपन्न कर लिया जाएगा, जिसके बाद रात में मेला क्षेत्र की आभा देखते ही बनेगी।

विद्युत विभाग का अभिनव प्रयास

उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के अनुभव को यादगार बनाने के लिए यह विद्युत विभाग की ओर से एक अभूतपूर्व पहल है। आधुनिक तकनीक और सांस्कृतिक प्रतीकों के मेल से यह परियोजना महाकुंभ को विश्वस्तरीय भव्य आयोजन का दर्जा देगी। महाकुंभ के लिए लगाए गए ये डेकोरेटिव पोल्स स्थायी रहेंगे, जिससे क्षेत्र में आने वाले पर्यटक भी लंबे समय तक इस भव्यता का आनंद ले सकेंगे। डेकोरेटिव लाइट्स से सजे इस महाकुंभ में हर श्रद्धालु को आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक गर्व का अनुभव होगा। यह पहल महाकुंभ को भारतीय संस्कृति की भव्यता और आधुनिक विकास का अद्वितीय प्रतीक बनाएगी।

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