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प्रादेशिक

बिहार में गंगा के जलस्तर में कमी, बाढ़ से 37 लाख लोग प्रभावित

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गंगा

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गंगापटना| बिहार में गंगा सहित अन्य प्रमुख नदियों में आई बाढ़ से 12 जिलों के 2,024 गांव की 37़ 21 लाख आबादी प्रभावित है। बाढ़ से अब तक 58 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच हालांकि गंगा और उसकी सहायक नदियों सहित पुनपुन तथा सोन नदी के जलस्तर में लगातार कमी देखी जा रही है, लेकिन अभी गंगा कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, सोमवार को भी गंगा और सोन सहित सभी नदियों के जलस्तर में कमी आई। पटना के गांधी घाट पर गंगा का जलस्तर सुबह 10 बजे 49.77 मीटर दर्ज किया गया। वहीं, रविवार को जलस्तर 49.86 मीटर था।

बाढ़ नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता विवेक कुमार ने आईएएनएस को बताया कि इंद्रपुरी बैराज में सोन नदी के जलस्तर में कमी दर्ज की गई है। सुबह 10 बजे इंद्रपुरी बैराज के पास सोन नदी का जलस्तर 1,18,167 क्यूसेक दर्ज किया गया।

गंगा नदी बक्सर, दीघा, गांधीघाट, हाथीदह, भागलपुर और कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि बूढ़ी गंडक नदी खगड़िया में खतरे के निशान से ऊपर है।

पटना, वैशाली, भोजपुर और सारण जिला के दियारा क्षेत्र (नदी किनारे मैदानी इलाके) बाढ़ से अधिक प्रभावित हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त सचिव अनिरुद्ध कुमार ने सोमवार को बताया कि अब तक करीब 5़ 56 लाख लोगों को बाढ़ग्रस्त स्थानों से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर लाया गया है, जिनमें से करीब तीन लाख लोगों को 598 राहत शिविरों में रखा गया है। पशुओं के लिए भी 158 शिविर चलाए जा रहे हैं।

विभाग के मुताबिक, हाल में आई बाढ़ से 58 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें भोजपुर जिले में 15, समस्तीपुर में 11, बेगूसराय में नौ, वैशाली में सात, सारण में पांच, लखीसराय और खगड़िया में तीन-तीन, भागलपुर में दो और पटना, बक्सर व मुंगेर जिले में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।

इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को कटिहार दौरे पर हैं। मुख्यमंत्री कटिहार में बाढ़ प्रभावित लोगों का हालचाल जानेंगे और अधिकारियों के साथ राहत कायरें की समीक्षा करेंगे।

उल्लेखनीय है कि बिहार में गंगा नदी के उफान पर होने से बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर और कटिहार जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है।

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

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प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

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