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‘गरीबों के मसीहा’ बन जाएंगे पीएम मोदी
नई दिल्ली। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार मई महीने में सत्ता में अपने तीन साल पूरे करने को लेकर देशव्यापी कार्यक्रम करने की योजना बना रही है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘गरीबों का मसीहा’ के रूप में पेश किया जाएगा।
ये कार्यक्रम गरीबों के लिए सरकार की कल्याणकारी योजनाओं पर केंद्रित होंगे, जिन्हें ‘अच्छे दिन आ गए’ वीडियो के साथ संचार के विभिन्न माध्यमों के साथ प्रदर्शित किया जाएगा। विपक्षी पार्टियां सरकार पर लगातार आरोप लगाती रही हैं कि वह अपने चुनाव प्रचार के दौरान किए गए ‘अच्छे दिन’ लाने के वादे को पूरा करने में नाकाम रही है।
ज्ञात सूत्रों ने कहा है कि सरकार अपनी उपलब्धियों को ग्रामीण इलाकों तक ले जाने के लिए पूरा जोर दे सकती है। केंद्रीय मंत्रियों द्वारा किए जाने वाले संवाददाता सम्मेलनों को शहरों से इतर भी किया जा सकता है, जबकि पिछले साल पार्टी ने सरकार की दूसरी वर्षगांठ के दौरान कार्यक्रमों के शहरों तक ही सीमित रखा था।
सरकार के कार्यो से लोगों को अवगत कराने के लिए केंद्रीय मंत्रियों को गांवों में ही रहने को कहा जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक महीने लंबे कार्यक्रम के अंत में एक संवाददाता सम्मेलन कर सकते हैं। अगर वह ऐसा करते हैं, तो मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने के यह उनका पहला संवाददाता सम्मेलन होगा।
भाजपा नेताओं ने कहा है कि मोदी सरकार ने गरीबों तथा ग्रामीण इलाकों के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है और इसे प्रभावी ढंग से लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है। भाजपा के एक नेता ने अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, “प्रधानमंत्री गरीबों तक पहुंच रहे हैं। नोटबंदी का उद्देश्य नकदी का अवैध रूप से जमाखोरी करने वाले अमीरों को निशाना बनाना था। इस प्रयास से यह संदेश गया है कि मोदी ने गरीबों के लिए सर्वाधिक काम किया है और वह उनके मसीहा हैं।”
सूत्रों ने कहा कि सरकार की तीसरी वर्षगांठ के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। खासकर उत्तर प्रदेश से संभावित तौर पर पार्टी के पक्ष में आने वाला नतीजा उत्साह को और बढ़ा सकता है। हालांकि प्रतिकूल नतीजे से वर्षगांठ की योजना में उत्साह थोड़ा कम हो सकता है।
सूत्रों ने कहा कि मंत्रालयों से सरकार द्वारा खासकर गरीबों से किए गए वादों के क्रियान्वयन पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है।
एक अधिकारी ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, “मंत्रालयों से गरीबों के लिए किए गए कार्यो सहित उनकी उपलब्धियों के बारे में पुस्तिकाएं, पर्चे तथा प्रचार संबंधी अन्य सामग्रियों को तैयार करने को कहा गया है।” वीडियो में सरकार की प्रमुख उपलब्धियों में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), 500 रुपये तथा 1,000 रुपये की नोटबंदी, भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए उठाए गए कदम तथा गरीबों को घरेलू गैस का वितरण शामिल हो सकता है।
मोदी सरकार पाकिस्तान से भारत में होने वाली आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के प्रयासों को भी अपनी उपलब्धियों में शामिल कर सकती है, जिसके लिए उसने बीते साल सितंबर में पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर की सीमा में जाकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। वर्षगांठ कार्यक्रमों के प्रस्ताव पर अभी चर्चा नहीं हुई है। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद उसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
सरकार ने अपनी दूसरी वर्षगांठ ‘विकास पर्व’ के रूप में मनाई थी। दूसरी वर्षगांठ की शुरुआत उत्तर प्रदेश में मोदी की एक रैली तथा एक इंडिया गेट पर ‘एक नई सुबह’ नामक कार्यक्रम के साथ शुरू हुआ था, जिसमें बॉलीवुड की कुछ हस्तियों ने शिरकत की थी।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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