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लाइफ स्टाइल

गर्भवती महिलाओं के लिए आयोडीन है रामबाण, जानें कैसे

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नई दिल्ली| एक अध्ययन के अनुसार, लगभग 4.2 करोड़ भारतीयों में थायरॉइड हार्मोन का स्तर असामान्य है। यह भी संकेत दिया गया है कि दुनियाभर के थायरॉइड रोगियों में 21 प्रतिशत अकेले भारत से हैं। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में थायरॉयड विकार अधिक होते हैं।

अध्ययन में थायरॉइड विकार के मामले महिलाओं में 26 प्रतिशत और पुरुषों में महज 24 प्रतिशत मिले।

विश्व आयोडीन अभाव दिवस पर, इस तथ्य के बारे में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है कि मानव शरीर के समुचित विकास के लिए आयोडीन एक आवश्यक पोषक तत्व है।

एक सामान्य व्यक्ति को रोजना औसतन 150 माइक्रोग्राम आयोडीन की जरूरत होती है। सामान्य महिलाओं की तुलना में गर्भवती महिलाओं को आयोडीन की ज्यादा जरूरत रहती है, क्योंकि आयोडीन की कमी का दुष्प्रभाव गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों दोनों पर ही पड़ता है।

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, आयोडीन थायरॉइड ग्रंथि में एकत्रित होती है और यह थायरोक्सिन (टी 3) तथा ट्राइआयोडोथारोनिन (टी 4) थायरॉइड हार्मोन्स के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है। कोशिकाओं के उचित विकास के लिए थायरॉइड हार्मोन की आवश्यकता होती है। शरीर की मैटाबोलिक दर बढ़ाने और प्रोटीन के मैटाबोलिज्म यानी चयापचय में इनकी प्रमुख भूमिका होती है। वे लंबी हड्डियों के विकास को निश्चित करते हैं और मस्तिष्क के विकास के लिए जरूरी हैं।

उन्होंने कहा, थायरॉइड हार्मोन कोशिकाओं में वसा और कार्बोहाइड्रेट की मेटाबोलिज्म से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। यदि गर्भवती महिलाओं के आहार में आयोडीन की कमी रह जाए तो शिशुओं व मां में गोइटर (थायरॉइड बढ़ जाना), हाइपोथायरॉयडिज्म और दिमागी कमजोरी पैदा हो सकती है।

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि जब थायरॉयड ग्रंथि में बहुत ज्यादा हार्मोन का उत्पादन होने लगता है तो हाइपरथायरॉयडिज्म हो जाता है और जब इसका उत्पादन कम होता है, तब हाइपोथायरॉयडिज्म की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। थाइरॉइड के अन्य सामान्य विकार हैं- हाशिमोटोज डिजीज, ग्रेव्ज डिजीज, गोइटर तथा थायरॉइड नोडल्यूस।

उन्होंने आगे कहा, गर्भधारण की योजना बना रही महिलाओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गर्भवती होने से पहले ही उनके आहार में पर्याप्त मात्रा में आयोडीन शामिल रहे। गर्भावस्था और स्तनपान के समय आयेडीन की जरूरत बढ़ जाती है, ताकि पर्याप्त थायरॉइड हार्मोन बनते रहें, जो बच्चे के मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आयोडीन की जरूरतें पूरी करने के लिए स्वस्थ और विविधतापूर्ण आहार की जरूरत होती है।

आयोडीन के कुछ अच्छे स्रोत :

* पनीर : डेयरी उत्पादों में यह आयोडीन का सबसे समृद्ध स्रोत है। पनीर की दो किस्मों – चेड्डार और मोजरेला में यह खनिज अधिक होता है।

* समुद्री शैवाल : इस समुद्री भोजन में आयोडीन पाया जाता है। कैल्प आयोडीन का यह सबसे समृद्ध सीविड सोर्स है।

* अंडे : अंडे के योक में आयोडीन होता है।

* दूध : अध्ययन से पता चलता है कि 250 मिलीलीटर दूध में लगभग 150 माइक्रोग्राम आयोडीन होता है।

* दही : एक कप दही में करीब 70 माइक्रोग्राम आयोडीन होता है, यानी दैनिक जरूरत की करीब आधी मात्रा। यह पेट के लिए भी अच्छा है और कैल्शियम व प्रोटीन से भरपूर है।

इन खाद्य पदार्थो के अलावा आयोडीन के कुछ अन्य अच्छे स्रोत हैं- केले, स्ट्रॉबेरी, हरी पत्तेदार सब्जियां, प्याज और मीठे आलू, अनाज, नट्स और मूंगफली, जौ वगैरह।

 

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सुबह डल नजर आता है चेहरा, तो अपनाएं ये आसान घरेलू उपाय

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नई दिल्ली। सुबह उठने के बाद अक्सर लोगों का चेहरा डल नजर आता है, तो आपको कुछ छोटे-छोटे उपाय करने चाहिए जिससे कि आपको इस प्रॉब्लम से छुटकारा मिल सके। रात के समय अगर आप कुछ टिप्स को फॉलो करके सोते हैं, तो फिर सुबह आपकी स्किन काफी दमकती हुई नजर आएगी।

आपकी स्किन अगर ऑयली है, तो आप रात के समय चेहरा धोने के बाद एलोवेरा जेल से मसाज करके सोएं। इससे आपका चेहरा सुबह उठने पर काफी ग्लोइंग नजर आएगा।

मेकअप उतारकर सोएं

आप अगर मेकअप के साथ ही सो जाते हैं, तो इससे आपका चेहरा डल नजर आने लग जाता है। साथ ही रात के समय मेकअप में मौजूद केमिकल्स आपकी स्किन पर रिएक्ट भी कर सकते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि पिम्पल्स से बचाव के लिए मेकअप उतारकर सोएं।

रात को चेहरे पर सीटीएम जरूर करें

चेहरे को ग्लोइंग बनाने और डलनेस दूर करने के लिए सीटीएम रूटीन को फॉलो करें। इसके लिए रात को सोने से पहले आपको चेहरा क्लींजर से साफ करना है, फिर टोनिंग करने के बाद मॉश्चराइजर लगाना है।

चेहरे पर फेसमॉस्क लगाकर न सोएं

कई ऐसे प्रॉडक्ट होते हैं जिन पर लिखा होता है कि यह नाइट ग्लोइंग पैक की तरह काम करते हैं और आप इसे रात में लगाकर सो सकते हैं लेकिन हर किसी की स्किन पर यह प्रॉडक्ट सूट नहीं करते हैं, इसलिए रात को कोई भी फेसमास्क लगाकर न सोएं।

 

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