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गर्लफ्रेंड की चाहत में भुलाया पिता का प्यार, ONLINE आर्डर किया बम और फिर…..

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कहते हैं कि बाप-बेटे का रिश्ता बेहद अहम माना जाता है। यह रिश्ता हमेशा खास रहा है लेकिन एक बेटे ने अपनी गर्लफ्रेंड के लिए अपने पिता को रास्ते से हटाने का मन बना डाला। पूरा मामला ब्रिटेन का बताया जा रहा है।
खबरों के मुताबिक एक भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक ने अपनी गर्लफ्रेंड के चक्कर में अपने पिता को जान से मारने की खतरनाक योजना बना डाली। इतना ही नहीं युवक ने अपने पिता को रास्ते से हटाने के लिए ऑनलाइन बम का ऑर्डर कर डाला था। दरअसल गुरतेज अपनी गर्लफ्रेंड से बेहद प्यार करता था और उससे शादी का ख्वाब देख रहा था लेकिन उसके पिता को इस प्यार पर ऐतराज था।
पिता को उसकी गर्लफ्रेंड पसंद नहीं थी और वह नहीं चाहते थे उसका बेटा उसे अपनी दुल्हन बनाये। इस वजह से बेटा गुरतेज बौखला गया और अपने पिता को जान से मारने पर अमादा हो गया। जिसकी पेमेंट उसने क्रिप्टो मनी से की और डिलीवरी घर से दूर एक पते पर दी।
मामला पुराना है और गुरतेज को पिछले साल मई में गिरफ्तार किया गया था।
रंधावा के ऑर्डर के बारे में पुलिस को किसी तरह से भनक लग गई थी। इसके बाद पुलिस ने आनन-फानन में उसका डिलवरी पैकेट बदलकर नकली पैकेट भेज दिया और जैसे ही गुरतेज ने पैकेट खोलकर उसे टेस्ट करने की कोशिश की तो उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके साथ 45 और 18 साल की दो महिलाओं को भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में दोनों को ही छोड़ दिया गया था। इस हत्या की साजिश रचने के लिए उसे 8 सालों की सजा दी है।
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ऑफ़बीट

बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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