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पूर्वाचल में बाढ़ से सैकड़ों गांव प्रभावित, हजारों लोग बेघर

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गांवइलाहाबाद/वाराणसी/गाजीपुर| उत्तर प्रदेश में गंगा और उसकी सहायक नदियों के जलस्तर में पिछले 24 घंटों से लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे इलाहाबाद, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी सहित कई जिलों के सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। स्थानीय स्तर पर प्रशासन बाढ़ प्रभावितों की मदद करने की हर संभव कोशिश कर रहा है। बाढ़ की वजह से इलाहाबाद के करैलाबाग, गौस नगर, नेवादा, सलोरी, बघाड़ा इलाके में तेजी से पलायन शुरू हो गया है। जिला प्रशासन का अनुमान है कि दो दर्जन से अधिक मोहल्लों में 20 हजार से अधिक परिवार बाढ़ में फंसे हैं। बड़ी संख्या में लोग राहत शिविरों में पहुंच चुके हैं।

इलाहाबाद के प्रमंडलीय आयुक्त राजन शुक्ला ने सलोरी, बघाड़ा, दारागंज, बख्शी बांध, मोरी गेट तथा संगम क्षेत्र के हालात का जायजा लिया। उनके सामने बाढ़ पीड़ितों ने सुरक्षा की चिंता जताई और खाद्य सामग्री खत्म होने की बात कही।

आयुक्त ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को सक्रिय करने का आश्वासन दिया। पूरे इलाके में चार से छह फिट तक पानी भर गया है। नावों की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग अपने-अपने घरों में फंसे हैं।

इलाहाबाद के जिलाधिकारी संजय कुमार ने गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के मद्देनजर बाढ़ में फंसे 20 हजार से ज्यादा परिवारों की मदद और राहत कार्यों के लिए सेना को अलर्ट कर दिया है। पीएसी और एनडीआरएफ को भी सक्रिय किया गया है।

बाढ़ का पानी बोट क्लब से लेकर यमुना पुल के अंडर पास तक भर गया। इससे चारपहिया वाहनों का पुराने यमुना ब्रिज पर जाना बंद हो गया है। गंगा का पानी झूंसी में क्रियायोग आश्रम के सामने तक पहुंच गया है और पुरानी झूंसी रोड जलमग्न है।

उधर, काशी और उसके आसपास के जिलों में बाढ़ का कहर जारी है। वाराणसी में बाढ़ का पानी कई कालोनियों तक पहुंच गया है। इन कालोनियों में अब नाव ही एक मात्र सहारा है। बावजूद इसके लोग अपने-अपने घरों को छोड़ने को तैयार नहीं हैं। जिलाधिकारी और प्रमंडलीय आयुक्त बाढ़ में फंसे लोगों की सुध लेने नाव से पहुंचे और लोगों से घर छोड़कर शिविरों में जाने की गुजारिश की।

वाराणसी में गंगा नदी विगत तीन दिनों से खतरे के निशान से उपर बह रही है। सोमवार की सुबह 8 बजे 71.95 मीटर जलस्तर रिकार्ड किया गया, लेकिन जलस्तर में अब कमी होने का अनुमान लगाया गया है।

वाराणसी के आयुक्त नितिन रमेश गोकर्ण और जिलाधिकारी विजय किरण आनंद ने राहत शिविरों का निरीक्षण किया। लोगों की बढ़ती संख्या देखकर अधिकारियों को तीन और शिविर बनाने के निर्देश दिए।

दोनों अधिकारी नगवां के गंगोत्री विहार कॉलोनी से नांव में सवार हुए और रविदास घाट व महेश नगर होते हुए सामने घाट तक गए। इस दौरान पुलिस ने बाढ़ क्षेत्र में घर की छत पर रुके लोगों से राहत शिविर में जाने की अपील की।

वाराणसी के अलावा चंदौली, गाजीपुर और बलिया में भी बाढ़ से हजारों लोग प्रभावित हैं। गाजीपुर के जिलाधिकारी संजय खत्री ने प्रभावित गांवों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित गांवों में राहत सामग्री पहुंचाने की हर संभव कोशिश की जाएगी।

बलिया जिले में भी बाढ़ से लोगों का बुरा हाल है। जिलाधिकारी गोविंद एस. राजू ने प्रभावित गावों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बाढ़ चौकियों की संख्या तत्काल बढ़ाने के निर्देश दिए।

उन्होंने बताया कि प्रभावित इलाकों पर नजर रखी जा रही है। अलर्ट जारी कर दिया गया है। बाढ़ चौकियां बढ़ाई जा रही हैं और लोगों से राहत शिविरों में जाने की अपील की जा रही है।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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