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गाजीपुर : दारोगा घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

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गाजीपुर। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद में बहरियाबाद थाना क्षेत्र के स्थानीय बाजार में भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने एक दरोगा को घूस लेते हुए केमिकल लगे नोटों के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया। आरोपी को भुक्तभोगी की तहरीर पर संबंधित धारा में कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया गया।

बहरियाबाद के गहनी दुर्गादेई में सोनू उर्फ विजय शंकर कुमार अपने परिवार के साथ रहता है। 23 मई, 2010 को उसकी शादी कानपुर के मंजूलता के साथ हुई थी। शादी के महज छह महीनों बाद मंजूलता ने कानपुर थाने में विजय के खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज करा दी। इसके बाद से ही मंजूलता कानपुर में ही रह रही थी।

बीते छह माह पूर्व वह रहने के लिए अपने ससुराल आ गई, लेकिन यहां अपने ससुरालियों के साथ रहने के बजाय वह गांव में ही बने विजय के दूसरे मकान में अकेले रहने लगी। इस बीच कुछ दिनों पूर्व उसके घर में किसी कारण से बिजली खराब हो गई तो उसने बहरियाबाद थाने में शिकायत दर्ज कराई कि रंजिशन उसके घर की बिजली विजय ने काट दी है।

इसके बाद 11 अगस्त को बहरियाबाद थाने से एसआई सुदामा प्रसाद दो सिपाहियों संग विजय के घर पहुंचे और उसकी मां मीरा देवी व एक साथी मनीष को लेकर थाने आए, जहां उन्हें बेवजह परेशान किया गया। एसआई ने कहा कि सुलह करा देंगे, लेकिन इसके लिए दस हजार रुपये देने पड़ेंगे। बाद में पहुंचे विजय ने कहा कि रुपये दे देते हैं, लेकिन अभी तो रुपये घर पर हैं और वह इसके बाद घर चला गया।

बाद में एसआई सुदामा प्रसाद ने कहा कि सुलह के लिए अब 50 हजार रुपये चाहिए। इसके बाद विजय ने कहा, “इतने पैसे तो अभी नहीं हैं।” इस पर एसआई ने कहा, “रुपया दे दो नहीं तो तुम्हें इतने संगीन मुकदमों में फंसाएंगे कि जिसमें तुम्हारी जमानत भी जल्दी नहीं होगी।” पैसे की तंगी बताने पर एसआई ने उससे दो किस्तों में अदा करने की बात कही। इसके बाद विजय ने एसआई को अपने बहरियाबाद स्थित मीरा कंप्यूटर सेंटर पर 30 हजार रुपया देने के लिए बुलाया। इसके पूर्व ही विजय ने भ्रष्टाचार निरोधक इकाई को सूचित कर दिया था।

भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते के अधिकारी व कर्मचारी सादी वर्दी में मौजूद थे। जैसे ही विजय ने केमिकल लगे नोटों को एसआई को दिया और नोट को गिनने को कहा। रुपये हाथ में लेते ही एसआई सुदामा प्रसाद नोट गिनने लगे। उसी वक्त इकाई की टीम ने एसआई को दबोच लिया और उसे सैदपुर कोतवाली ले आई। एसआई संबंधित आपराधिक धाराओं में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

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प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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