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प्रादेशिक

गायों की रक्षा में जुटा ओडिशा का एक संत

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पुरी (ओडिशा)| ओडिशा में एक संत ने लुप्तप्राय होने की कगार पर पहुंच चुकी राज्य की देसी नस्ल की गायों को बचाने का अभियान छेड़ रखा है।

प्रजनन मिशन क्रिया योग के आध्यात्मिक गुरु परमहंस प्रजनानंद ने अपने आश्रम में ओडिशा की मूलवंश की 150 गाएं पाल रखी हैं। वह दूसरे लोगों खास तौर से किसानों से मूलवंश की गायों की रक्षा करने के लिए अपील भी करते हैं।

प्रजनानंद (55) ने कहा कि तीन वर्ष पहले वह राजस्थान में ठहरे हुए थे जहां इस तरह का संरक्षण सफल साबित हुआ है।

ओडिशा लौटने के बाद उन्होंने देशी नस्ल की गायों को इकट्ठा करना और उनकी देखभाल करना शुरू किया।

क्रिया योग को प्रोत्साहित करने के लिए दुनिया भर में व्यापक यात्राएं कर चुके योग के आध्यात्मिक गुरू ने कहा, “शुरू में हमने कुछ मुट्ठी भर से शुरू किया। बाद में धीरे-धीरे संख्या बढ़ती गई।”

पुरी शहर के पास स्थित हरिहरनंद गुरुकुलम में आसनासीन प्रजनानंद ने आईएएनएस से कहा, “आज हम जिस दूध का इस्तेमाल करते हैं, वह संकर गायों की होती है। ऐसी गाएं ए1 किस्म की होती हैं जिनका दूध बीमारियों को बढ़ा सकता है। लेकिन देशी नस्ल की गाएं ए2 किस्म की होती हैं जिनका दूध स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।”

भुवनेश्वर से करीब 60 किलोमीटर दूर प्राकृती की गोद में स्थित आश्रम में 50 गाएं और उनके बछड़े हैं। इन गायों में अधिकांश ओडिशा की मूल वंश की हैं। इसके अलावा 200 से अधिक आवारा पशु भी हैं।

गायों से मिलने वाला दूध आश्रम में रहने वाले और नियमित रूप से वहां आने वालों की रोजमर्रा की जरूरतों के लिए दिया जाता है।

केंद्रपाड़ा जिला में प्रजनन मिशन के दूसरे धार्मिक केंद्र हरिहरनंद बालाश्रम में भी करीब 85 गाएं और उनके बछड़े हैं। यह जिला योग गुरू का जन्मस्थान भी है।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार कराएगी छात्रों की शैक्षिक क्षमता का मूल्यांकन

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लखनऊ। योगी सरकार ने अब शिक्षा गुणवत्ता मापने की दिशा में एक अहम कदम उठाने का निर्णय लिया है। योगी सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को समझने और उसमें नीतिगत सुधारों के लिए आधार तैयार करने के लिए शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और एनसीईआरटी के सहयोग से 4 दिसंबर को परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 का आयोजन कराने जा रही है। इसमें उत्तर प्रदेश में 9,715 चयनित विद्यालय शामिल हैं, जिनमें सरकारी, सहायता प्राप्त निजी विद्यालय, मदरसे और अन्य बोर्डों से मान्यता प्राप्त विद्यालय सम्मिलित हैं। बता दें कि यह सर्वेक्षण देशभर में शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित किया जाएगा।

इस स्तर के छात्रों का होगा मूल्यांकन

यह सर्वेक्षण प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों का आकलन करने के लिए किया जा जाएगा। सर्वेक्षण में कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों की उपलब्धियों को आंका जाएगा, जो सैंपल्ड विद्यालयों में किया जाना है।

ये हैं सर्वेक्षण के मुख्य बिंदु

कक्षा 3, 6 और 9 के लिए अलग-अलग विषयों को मूल्यांकन का आधार बनाया गया है। इनमें कक्षा 3 और कक्षा 6 के लिए भाषा, गणित और हमारे आस-पास की दुनिया तथा कक्षा 9 के लिए भाषा, गणित, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान विषय को सर्वेक्षण का मुख्य बिंदु बनाया गया है।

किया गया है दायित्वों का निर्धारण

परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण के सम्बन्ध में जनपद स्तरीय समन्वयक, डायट प्राचार्य एवं जिला विद्यालय निरीक्षक के दायित्व निर्धारित किये गये हैं। इनमें जनपद स्तरीय समन्वयक द्वारा सर्वेक्षण का क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण सम्बन्धी समस्त दायित्वों का निर्वहन किया जाना शामिल है। इसके अलावा जनपद स्तरीय सहायक समन्वयक/मास्टर ट्रेनर द्वारा फील्ड इन्वेस्टीगेटर (FI) का प्रशिक्षण निर्धारित समयावधि के अंतर्गत कराने की जिम्मेदारी दी गयी है। सर्वेक्षण का कार्य प्रशिक्षित फील्ड इन्वेस्टीगेटर (FI) से ही कराया जाना सुनिश्चित है।

इंवेस्टिगेटर के दायित्व हैं सुनिश्चित

फील्ड इंवेस्टिगेटर के दायित्व भी निश्चित हैं। असेंबली से पहले स्कूल पहुँच कर ये सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाचार्य मिलेंगे और परख गाइडलाइन के अनुसार सर्वेक्षण सम्बन्धी गतिविधियाँ आरम्भ करेंगे। इन्हें यह भी सुनिश्चित करना है कि अचीवमेन्ट टेस्ट पैकेट सीलबंद है और सील टूटी हुई नहीं है। सेक्शन और छात्रों की आवश्यकता अनुसार सैंपलिंग करेंगे और कन्ट्रोल शीट भरना भी इनकी जिम्मेदारी होगी।

हापुड़, मुजफ्फरनगर, सुल्तानपुर, मुरादाबाद और एटा डायट में होगा इन जिलों का प्रशिक्षण

एससीईआरटी लखनऊ के संयुक्त निदेशक पावन सचान ने बताया कि गाजियाबाद, शामली, अमेठी, सम्भल और कासगंज में डायट नहीं हैं। इस वजह से इन जिलों हेतु संदर्भित सर्वेक्षण से सम्बन्धित समस्त कार्य क्रमशः प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान हापुड़, मुजफ्फरनगर, सुल्तानपुर, मुरादाबाद तथा एटा द्वारा सुनिश्चित कराये जायेंगे।

बच्चों की समझ और प्रदर्शन का होगा आकलन: संदीप सिंह

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया कि इस सर्वेक्षण में उत्तर प्रदेश के कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों की भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में समझ और प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा। इससे न केवल छात्रों की वास्तविक शैक्षिक क्षमता का मूल्यांकन हो सकेगा बल्कि शिक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में ठोस कदम भी उठाये जा सकेंगे। यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और गोपनीयता के साथ सुनिश्चित की जाएगी।

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