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गुजरात चुनाव में देरी को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग के खिलाफ खोला मोर्चा, पहुंची सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर लगातार घमासान देखने को मिल रहा है। गुजरात का रण जीतने के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों दल ने अपनी सारी ताकत झोंक दी है। इतना ही नहीं पलड़ा भले ही बीजेपी का भारी लग रहा हो लेकिन कांग्रेस भी उसे कड़ी टक्कर देने में लगी हुई है। गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों को लेकर अभी चुनाव आयोग ने कोई फैसला नहीं लिया है। इसको लेकर कांग्रेस ने अब चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी बड़ा प्रहार करते हुए कहा है कि बीजेपी की केंद्र सरकार जानबूझकर चुनाव तारीखों के ऐलान में देरी कर रही है ताकि लोकलुभावन घोषणाओं के लिए मौका मिल सके। कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में कहा है कि चुनाव आयोग ने हिमाचल की तारीख घोषित कर दी। हिमाचल के साथ गुजरात की मतगणना की तारीख भी घोषित कर दी लेकिन मतदान की तारीख का ऐलान क्यों नहीं किया। इतना ही नहीं कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में 14 बिंदु दिए गए हैं।
बता दें कि इससे पूर्व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शुक्रवार को चुनाव आयोग पर गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान न करने पर तंज कसा। चिदंबरम ने कहा था कि चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस महीने की अपनी अंतिम चुनावी रैली में तारीखों की घोषणा करने के लिए अधिकृत किया है। चिदंबरम ने ट्विटर पर एक व्यंगात्मक नोट में कहा, कि गुजरात सरकार की सभी रियायतें और मुफ्त घोषणाओं के बाद चुनाव आयोग अपनी विस्तारित छुट्टी से लौटेगा।

चुनाव आयोग ने पीएम को अधिकृत किया है कि वह अपनी अंतिम चुनावी रैली में गुजरात चुनाव की तारीखों की घोषणा करें। चुनाव आयोग ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया है लेकिन गुजरात की तारीखों का ऐलान अभी बाकी है। जिसके बाद विपक्ष ने आयोग पर आरोप लगाया है कि उसने भारतीय जनता पार्टी को राज्य में मुफ्त उपहार बांटने की अनुमति का आदेश दिया है। प्रधानमंत्री के 16 अक्टूबर को गुजरात दौरे के बाद, 22 अक्टूबर को भी उनके गुजरात दौरे की योजना है।
इस मामले में जनता दल (युनाइटेड) के बागी नेता शरद यादव ने शनिवार को गुजरात विधानसभा चुनाव की तिथि की घोषणा करने में देरी करने के निर्वाचन आयोग के निर्णय पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह अच्छी बात नहीं ह और इससे आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठेंगे।

गुजरात चुनाव की तिथि की घोषणा करने में देरी किए जाने पर उन्होंने कहा, पहली बार ऐसी चीजें हो रही हैं। मुझे नहीं लगता कि यह सही है। उन्होंने कहा, कि लोग लंबे समय से चुनाव आयोग पर विश्वास करते आए हैं और इसकी विश्वसनीयता पर भरोसा करते हैं। गुजरात चुनाव की तिथि की घोषणा न करना अच्छी बात नहीं है। यादव ने कहा, कि लोकतंत्र हमारे संविधान की प्रेरक शक्ति है और चुनाव आयोग को अपनी विश्वसनीयता बनाए रखनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पहले निर्वाचन आयोग के सदस्य प्रतिकूल परिस्थितियों में भी चुनाव पैनल की निष्पक्षता बनाए रखते थे और एक ईमानदार रेफरल के रूप में कार्य करते थे। निर्वाचन आयोग के मुख्य आयुक्त अचल कुमार जोति हैं, जो नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते राज्य के मुख्य सचिव हुआ करते थे।

 

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गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

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