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गुजरात: राजकोट के गेम जोन में आग से अबतक 30 की मौत, मृतकों में 12 बच्चे भी शामिल

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अहमदाबाद। गुजरात के राजकोट में नाना मोवा रोड पर स्थित एक निजी गेम जोन में आग लगने से 30 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 12 बच्चे भी शामिल हैं। अग्निकांड में अभी सात लापता हैं। ऐसे में मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। चश्मदीद के मुताबिक- कालावड रोड स्थित इस गेम जोन में वीकेंड की वजह से 500 रुपए का टिकट 99 रुपए में दिया जा रहा था, इसलिए भीड़ ज्यादा थी। टीआरपी गेम जोन के मालिक युवराज सिंह सोलंकी, पार्टनर प्रकाश जैन, राहुल राठौड़ और मैनेजर नीतिन जैन को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। हादसे के बाद चारों ने फोन बंद कर लिया था।

टीआरपी गेम जोन में भीषण आग लगने से पूरा गेम जोन जलकर खाक हो गया है। दमकल विभाग ने कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। अग्निकांड में जान गंवाने वाले बच्चों की पहचान मुश्किल है। ऐसे डीएनए टेस्ट के बाद शव परिजनों को सौंपे जाएंगे। इस हादसे पर पीएम मोदी और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शोक व्यक्त किया है।

राजकोट के निजी गेम में जैसे आग लगने की घटना सामने आई वैसे ही प्रशासन ने तमाम उपाय किए लेकिन गर्मी के मौसम में आग इतनी ज्यादा भड़की कि अंदर फंसे लोगों को बाहर नहीं निकाला जा जका। सूचना पर अभिभावकों में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे लोगों हाथ जोड़कर प्रार्थन करते रहे लेकिन 30 की मौत फिर भी हो गई। इस दुखद हादसे पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने संज्ञान लिया है।

गर्मियों की छुट्‌टी के चलते गेमजोन में बड़ी संख्या में बच्चे मौजूद थे। आग लगने के वक्त अंदर कितने लोग थे, इसकी सटीक जानकारी शाम साढ़े आठ बजे तक नहीं मिल पाई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक गेमजोन में एसी कंप्रेसर फटने के बाद आग लगी। अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। शाम करीब 4 से 4.30 बजे के बीच लगी आग पर तीन घंटे के भीतर काबू पा लिया गया, लेकिन मलबे को हटाने और यह पता लगाने के लिए बचाव अभियान जारी रहा कि गेम जोन में कोई फंसा तो नहीं है। राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने कहा कि जो बच्चे फिलहाल लापता हैं, उन्हें ढूंढने और मृतकों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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संसद में धक्का-मुक्की के दौरान घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसद हुए अस्पताल से डिस्चार्ज

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नई दिल्ली। संसद परिसर में 19 दिसंबर को हुई धक्का-मुक्की की घटना में घायल हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल से चार दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। बता दें कि 19 दिसंबर को संसद परिसर में विपक्ष और एनडीए के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की हो गई थी। इस धक्का-मुक्की के दौरान बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए थे। उनके सिर में गंभीर चोट आई थी। उसके बाद उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सिर में चोट आई थी और ब्लड प्रेशर की भी समस्या हो गई थी।

संसद परिसर में धक्का-मुक्की के बाद घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसदों को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उसके दो दिन बाद यानी 21 दिसंबर को उन्हें एक वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि, “दोनों सांसदों की हालत अब काफी बेहतर है और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ. शुक्ला एमएस ने पहले कहा था कि, ‘एमआरआई और सीटी स्कैन में चोट के संबंध में कुछ भी महत्वपूर्ण बात सामने नहीं आई है।

बता दें, कांग्रेस के राहुल गांधी पर ये आरोप लगाया गया कि उन्होंने भाजपा के सांसदों को धक्का मारा जिस वजह से वे घायल हो गए। दोनों को अस्पताल में तुरंत भर्ती करवाया गया।जानकारी के मुताबिक, इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर घायल सांसदों से बात की थी। इसके अलावा, उन्होंने सांसद मुकेश राजपूत से कहा, “पूरी देखभाल करना, जल्दबाजी नहीं करना और पूरा इलाज कराना।”

घटना को लेकर बीजेपी ने विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने धक्का देकर बीजेपी सांसदों को घायल कर दिया। बीजेपी ने इस घटना को लेकर राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया। वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार भी किया है जिसमें बीजेपी पर ये आरोप लगाया कि उनके सांसदों ने धक्का-मुक्की की थी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चोटिल होते-होते बचे। फिलहाल घायल सांसद डॉक्टरों की निगरानी में हैं और पूरी तरह से स्वस्थ होने तक आराम करेंगे।

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