नेशनल
गुरुजी को मिला नया काम, खुले में रोकेंगे शौच, साथ में लेंगे सेल्फी
पटना। बिहार में शिक्षकों को एक नया काम सौंपा गया है। यहां शिक्षक अब खुले में शौच करने वालों पर निगरानी रखेंगे और उनके साथ सेल्फी लेंगे। सरकार के इस फरमान का शिक्षक संघों ने कड़ा विरोध किया है।
शिक्षा विभाग के नए सर्कुलर के अनुसार अब सरकारी शिक्षकों को लोटे की निगरानी करनी है। सरकारी शिक्षक अब खुले में शौच करने वालों को रोकने के साथ-साथ उनकी निगरानी की जिम्मेदारी भी संभालेंगे। ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर (बीईओ) ने खुले में शौच करने वाले लोगों पर लगाम लगाने के लिए अध्यापकों को उनकी फोटोग्राफी करने के निर्देश जारी किए हैं लेकिन बिहार टीचर एसोसिएशन ने बीडीओ के इस फरमान का यह कहते हुए विरोध किया है कि यह टीचरों का अपमान है।
सुबह और शाम जहां शिक्षकों की ड्यूटी निगरानी की होगी वहीं प्रधानाचार्यों को पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया गया है। शिक्षक सुबह पांच बजे और शाम चार बजे रोजाना खुले में शौच करने वालों का निरीक्षण करेंगे। शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे खुले में शौच करने वालों के साथ मोबाइल से सेल्फी फोटो भी लें।
इस काम में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए 61 प्राइमरी और माध्यमिक स्कूलों के करीब 144 टीचरों को अभियान में शामिल किया था। प्रशासन ने यह भी फैसला किया कि जो लोग समझाने के बाद भी खुले में शौच करने से बाज नहीं आते हैं, उनकी फोटोग्राफी कराई जाए।
शिक्षकों को खुले में शौच की निगरानी की जिम्मेदारी के इस सरकारी फैसले पर अब सवाल उठने लगे हैं। गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर पहले से ही पढ़ाने के अलावा कई अन्य जिम्मेदारियां रहती हैं। इसमें वोटर लिस्ट निर्माण कार्य से लेकर जनगणना तक का काम शामिल है।
माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव ने सरकार के इस फैसले पर जोरदार हमला बोला है। महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि शौच अभियान में शिक्षकों को शामिल करना पागलपन है और शिक्षकों के पद का अपमान है।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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